लाइफस्टाइल डेस्क. जिन्हें जल्दी नींद नहीं आती या अनिद्रा की शिकायत है उनके लिए सोना चुनौती से कम नहीं है। इस समस्या का निदान है जापान की मून-ब्रीदिंग तकनीक। जापानी लोग इस तकनीक का लम्बे समय से उपयोग कर रहे हैं, किंतु उससे भी अधिक समय से हम भारतीय इससे परिचित हैं। इस तकनीक की उपज चंद्रभेदी प्राणायाम से हुई है।
काइज़न तकनीक पर लिखी एक पुस्तक में लेखिका सारा हार्वे लिखती हैं कि जापान में रहने के दौरान उन्होंने पाया कि हर स्थान पर एक शांति का भाव है, यहां तक कि टोक्याे मेट्रो स्टेशन जैसी भीड़भरी जगह पर भी। यह सब समझने के लिए उन्होंने कई छोटी-छोटी चीज़ों पर ध्यान देना शुरू किया। कई आश्चर्यजनक और सकारात्मक नतीजे सामने आए जिन्हें उन्होंने एक पुस्तक रूप में लिपिबद्ध किया है। इसी खोजबीन के दौरान उन्हें मून ब्रीदिंग तकनीक के बारे में पता चला और और इसने उनकी नींद काे दुरुस्त करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कैसे मिलेगी सुख की नींद?
- सबसे पहले आप लेट जाएं या फिर रीढ़ सीधी करके बैठें, जैसा आपके लिए आसान हो।
- आंखें बंद कर लें और कल्पना करें कि आपकी आंखों की पुतलियां एक शीतल जलाशय में तैर रही हैं। आंखों के पाेर-पोर को शीतलता और आराम मिल रहा है।
- अब दाएं हाथ के अंगूठे से दाएं नासिका छिद्र बंद करें।
- बाएं नासिका छिद्र से सांस लें और उसे दाएं हाथ की उंगली से बंद करें। अब दाएं नासिका छिद्र से अंगूठा उठाते हुए धीरे-धीरे सांस को बाहर छोड़ें।
- इस प्रक्रिया को कुछ मिनट तक दोहराएं। जब श्वास नियंत्रित और मद्धम हो जाए तथा आपको आराम महसूस होने लगे, तब इस प्रक्रिया को रोक दें।
ये ध्यान रखें
- रात्रि भोजन के तुरंत बाद इसे करने की कोशिश न करें। भोजन और सोने के बीच कम से कम 2 घंटे का समय अंतराल रखें।
- चंद्रभेदी प्राणायाम ठंड के मौसम में न करने की सलाह दी जाती है। किंतु, यदि आपको माइग्रेन, अनिद्रा आदि की समस्या है और सूर्य नाड़ी तेज़ है तो इसे किया जा सकता है।
- दोनों नाड़ियों में संतुलन निर्माण के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम के बाद अनुलोम-विलोम भी कर सकते हैं।
- हम जिस करवट सोते हैं उसकी विपरीत नाड़ी तेज़ होती है। जैसे यदि आप दाईं करवट सोते हैं तो बाईं ओर वाली चंद्र नाड़ी तेज़ चलने लगेगी, जो कि शरीर को शीतलता और आराम प्रदान करती है।
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