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Saturday, October 2, 2021

E-इश्क:उलझनों के रेशे मेरे चेहरे पर दिखने लगे हैं और कबीर मेरी डीपी देखते हुए इन्हीं रेशों में उलझकर सूने पड़े मन के दरवाजों को हिला गया



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