हेल्थ डेस्क. आईआईटी दिल्ली ने ऐसा कपड़ा तैयार किया है, जो हानिकारक बैक्टीरिया को खुद खत्म कर देगा। इस कपड़े को कोरोना जैसेजानलेवा वारयस को मारने के लिए तैयार किया है, जो छूने से ही एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलते हैं। कपड़े पर बैक्टीरिया मारने के सभीटेस्ट सफल हो चुके हैं। हालांकि, फाइनल टेस्ट के लिए कपड़े का सैंपल एंटी वायरल लैब में भेजा जाएगा। जहां कोरोनावायरस से कपड़े के सैंपलका टेस्ट किया जाएगा।
अस्पताल में इंफेक्शन से बचाएगा
ये कपड़ा अस्पताल में होने वाले इंफेक्शन से बचाएगा। बैक्टीरिया मारने वाला कपड़े का फॉर्मूला ईजाद करने वाले टीम में वैज्ञानिक प्रोफेसर सम्राट मुखोपाध्याय, आईआईटी दिल्ली के पूर्व बीटेक छात्र यति गुप्ता, दिल्ली एम्स के कुछ डॉक्टर भी शामिल हैं। प्रोफेसर सम्राट मुखोपाध्याय ने बताया कि इसे फेबियोसिस इनोवेशन स्टार्टअप ने तैयार किया है।
कपड़े पर की गई है केमिकल की कोटिंग
- बैक्टीरिया से टेस्टिंग में पाया गया कि यह कपड़ा 99.99 प्रतिशत बैक्टीरिया को मार देता है। इसकी खूबी यह है कि 30 बार धोने पर भी बैक्टीरिया इंफेक्शन प्रूफ फेब्रिक काम रहता है।
- कपड़े पर कोटिंग पैडिंग मैंगल इंन्स्ट्रूमेंट से केमिकल की कोटिंग की गई है। इस प्रक्रिया में दो रोलर से कपड़ा जाता है। फिर कैमिकल मेंडुबाया जाता है। इसके बाद यह कपड़ा फिर दो रोलर से गुजरता है। यहां कपड़े पर जरूरत से ज्यादा लगा कैमिकल प्रेशर से निकाल दिया जाताहै।
- टीम के मुताबिक हमने टेस्टिंग में दो प्रकार के कपड़े इस्तेमाल किए हैं। वह है- काटन और कॉटन पॉलिएस्टर ब्लैंड। इस पर हम लोग साढ़ेतीन साल से काम कर रहे हैं। इस इनोवेशन का पेटेंट हो चुका है।
मैन्युफैक्चरिंगका ट्रायल जारी
यति गुप्ता के मुताबिक, हम इसे दिल्ली एनसीआर रीजन में बड़े स्केल पर मैन्युफैक्चरिंग कराने का ट्रायल कर रहे हैं। एम्स के साथ मिलकर यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसके अलावा कुछ बड़े हॉस्पिटल के साथ मिलकर ट्रायल कराने की कोशिश कर रहे हैं। प्रोजेक्ट की फंडिंग एचआरडी मिनिस्ट्री और साइंस-टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने की है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3buDRTE
via IFTTT
0 comments:
Post a Comment