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Tuesday, March 31, 2020

बॉलीवुड राइटर मनोज मुंतशिर (Manoj Muntashir) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) पर पाकिस्तान से...

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कोरोनावायरस (Coronavirus) के मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाले सुरक्षात्मक...

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corona lockdown connecting children to his family

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इस फिल्म में 'थॉर' (Thor) यानी क्रिस हेम्सवर्थ (Chris Hemsworth) ने अभिनय किया है. ऐसे में...

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कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के संकट से पूरी दुनिया जूझ रही है. अमेरिका,...

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देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. भारत में कोरनावायरस...

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टीवी एक्ट्रेस अनिता हसनंदानी (Anita Hassanandani) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल...

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माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) ने मानवता की जंग जीतने के लिए अपना हाथ बढ़ाया और पीएम...

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टेलीविजन की इच्छाधारी नागिन और मशहूर एक्ट्रेस निया शर्मा (Nia Sharma) सोशल मीडिया...

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कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से जहां पूरी दुनिया खतरे में है. वहीं भारत में...

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पाचन क्रिया में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी होती है तो सबसे पहले कब्ज की समस्या होती है। कब्ज होने की वजह से अक्सर मल त्याग करते समय जोर लगाना पड़ता है और इसकी वजह से बवासीर की शिकायत हो जाती है।

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उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं, हाल ही में...

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खतरनाक कोरोनावायरस माहमारी (Coronavirus Pandemic) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश...

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कोरोनावायरस (Coronaviru) को लेकर दुनिया भर में जंग जारी है. भारत में 21 दिन का लॉकडाउन...

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वैसे तो हर रिश्ता अपने आप में बहुत खास होता है लेकिन मां-बेटी के रिश्ते की एक अलग बात होती है। यह रिश्ता कभी न टूटने वाली डोर से बंधा होता है। इस रिश्ते में खट्टी-मीठी नोकझोंक भी देखने को मिलती है लेकिन मां की सबसे अच्छी दोस्त केवल उसकी बेटी ही

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भारत ने कोविड- 19 को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की है। इसके साथ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि राशन, दवाएं व अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति जारी रहेगी।

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कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) को लेकर दुनिया भर में जंग जारी है. भारत में 21...

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कमाल आर खान (Kamaal R Khan) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से धार्मिक स्थलों को बंद करने...

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हेल्थ डेस्क. मुंबई के स्टार्टअप क्योर डॉट एआई ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस एक्सरे तकनीक विकसित की है जो टीबी का पता लगाने के साथ कोरोनावायरस को भी ट्रैक करेगी। नेचर जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, यह एआई आधारित चेस्ट एक्सरे है जो सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी जांच के नतीजे देता है।

तकनीक बताती है, फेफड़ेकितने प्रभावित

यह तकनीक फेफड़ों की जांच करके एआई की मदद से कोरोनावायरस का पता लगाने में मदद करती है। इसके अलावा यह टीबी, क्रॉनिक पल्मोनरी डिसीज, कार्डियक डिसऑर्डर और फेफड़े डैमेज हैं या नहीं इसकी भी जानकारी देती है। कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के फेफड़े बुरी तरह प्रभावित होते हैं। सांस लेने में तकलीफ होना कॉमन लक्षण है। ऐसे में फेफड़े में होने वाले बदलाव भी वायरस का इशारा करते हैं।

कई राज्यों में अपनाई गई यह तकनीक

स्टार्टअप के सीईओ प्रशांत वारियर के मुताबिक, यह तकनीक रेडियोलॉजिस्ट और फिजिशियन को कुछ ही सेकंड में बताती है कि शरीर में कोरोनावायरस का संक्रमण है या नहीं। इस समय कोरोनावायरस के लिए पर्याप्त टेस्ट किट न होने के कारण इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। स्वैब आधारित टेस्ट करके जांच की जा सकती है। देश के कई हिस्सों में राज्य सरकार हॉस्पिटल्स में इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है।

कोरोना मरीजों को ट्रैक करने वाली ऐप भी विकसित की

क्योर डॉट एआई स्टार्टअप ने qSCOUT नाम से ऐप भी विकसित की है जो स्वास्थ्य कर्मियों को कई अहम जानकारी देती है। यह कोरोनावायरस के मरीजों का रिकॉर्ड रखती है। इसे मोबाइल और कम्प्यूटर दोनों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह ऐप आपके कॉन्टेक्ट में मौजूद मरीजों को भी मॉनिटर करती है। ऐप उनके लक्षणों को भी मॉनिटर करती है, वे हॉस्पिटल गए हैं या नहीं इसकी भी जानकारी देती है।



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Coronavirus (COVID-19) Update; Mumbai start up builds AI-based X-ray technology to help track Covid-19 progression


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सारा अली खान (Sara Ali Khan) ने पीएम केयर फंड में दान दिया है. इस बात की जानकारी...

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बता दें की सांसद रवि किशन (Ravi Kishan) ने भी अपने एक माह की सैलरी व एक करोड़ की सांसद...

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पूरी दुनिया पर कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) का खतरा मंडरा रहा है. इस खतरनाक...

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सार्स कोरोना वायरस-2, चमगादड़ और पैंगोलिन दोनों में पाए जानेवाले वायरस से मिलकर तैयार हुआ एक तीसरा वायरस हो सकता है। इन दोनों में पाए जानेवाले वायरसों ने किसी अन्य जीव को एक साथ संक्रमित किया हो और अपने इस तीसरे रूप को विकसित किया हो।

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लाइफस्टाइल डेस्क. 13 मार्च को दिल्ली की 50 वर्षीया टूरिस्ट गाइड इटली की एक महिला को दिल्ली के म्यूजियम ले गई थी। अगले ही दिन गाइड को बुखार आया। जांच में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद महिला ने खुद को घर में आइसोलेट कर लिया और डॉक्टरों के निर्देश पर इलाज करवा रही हैं। उनका कहना है कि यह कोई बड़ी बीमारी नहीं है। सिर्फ थोड़ी सी सावधानी रखनी है। गांधीजी और नेल्सन मंडेला सालों जेल में रह सकते हैं तो मैं दो-तीन हफ्ते एकांतवास में क्यों नहीं रह सकती? बताया कि वे एक हफ्ते से संक्रमण मुक्त होने के लिए बंद कमरे में कैसे दिन गुजार रही हैं....

एकांतवास में प्राणायाम और कसरत ने तरोताजा कर दिया
मेरा नाम मृगनयनी (बदला नाम) है। जांच में कोरोना की पुष्टि के बाद मैंने 24 मार्च से खुद को घर के एक कमरे में एकांतवास में रखा है। मेरा 20 साल का बेटा दूसरे कमरे में रह रहा है और वही मेरा शेष दुनिया से संपर्क का माध्यम है। डॉक्टर ने कहा कि मैं घर में एकांतवास कर सकती हूं और बुखार के लिए पैरासिटामोल ले सकती हूं। सांस में तकलीफ हो, तो अस्पताल में भर्ती होने की बात कही। 27 मार्च तक तीन दिन बुखार आया।
इस बीच, दो दिन नाक के बाईं ओर से सांस में ऐसा तीखापन था, जैसे जलती फुलझड़ी अंदर चली गई हो। पिछले तीन दिन से बुखार खत्म हो गया है। मैं गले की खराश के लिए तुलसी, अदरक, काली मिर्च, लौंग के काढ़े का इस्तेमाल कर रही हूं। प्राणायाम ने मुझे ताकत दी। कई अधूरे काम पूरे किए। अधूरा उपन्यास पढ़ा। तीन ब्लॉग भी लिखे। कमरे में ही कसरत कर रही हूं। मेरी आप सभी से अपील है कि कोरोना के बीमार को घृणा की नजर से मत देखना। यह बीमारी नहीं बल्कि सावधानी का दूसरा रूप है।



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Coronavirus Infected Patient on (COVID-19) Home Isolation


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Monday, March 30, 2020

हॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस रीटा विल्सन (Rita Wilson) ने पांच साल पहले ब्रेस्ट कैंसर...

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नावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) चल रहा है. इस लॉकडाउन में...

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प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) और निक जोनास (Nick Jonas) ने कोरोनावायरस से जंग जीतने के लिए...

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बॉलीवुड एक्टर सलमान खान (Salman Khan) का परिवार इस समय दुख से संकट से गुजर रहा है....

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कनिका कपूर (Kanika Kapoor) में अब कोरोनावायरस (Coronavirus) के कोई लक्षण नहीं दिख रहे, उनकी...

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नाना पाटेकर (Nana Patekar) ने अपने एनजीओ नाम फाउंडेशन की ओर से यह डोनेशन दी है. इस...

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Coronavirus Lockdown: कोरोनावायरस (Coronavirus) के कारण जहां पूरा देश 21 दिनों के लिए लॉकडाउन (Lockdown)...

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कोरोना वायरस के खतरे को रोकने के लिए पूरे देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया गया है। वैसे तो इस लॉकडाउन से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन इस खतरनाक वायरस से बचाव के लिए इससे बेहतर विकल्प भी कुछ नहीं है।

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दिल्ली के निजामुद्दीन (Nizamuddin) स्थित मरकज में शामिल हुए थे. खतरनाक कोरोनावायरस...

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शारीरिक रूप से कमजोर लोगों के लिए योग ही एकमात्र ऐसा तरीका है, जो तंदुरस्त रख सकता है। आजकल थायरॉइड एक ऐसी बीमारी हो गई है, जो दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

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मुर्गे की बांग सुनकर और आसमान में फैली गुलाबी छटा देखकर लगता है कि सुबह हो गई है। घड़ी में अभी 5 ही बजे हैं लेकिन उजाला पूरी तरह फैल चुका है। सिर्फ एक घंटे बाद आइजॉल का पूरा पहाड़ी शहर सूरज की रोशनी में नहा जाता है।

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शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान (Suhana Khan) आए दिन अपने लुक को लेकर चर्चा में रहती...

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चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस का संक्रमण विश्वभर के देशों में तेजी से फैल रहा है। भारत में भी हर दिन कोरोना से संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं।

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वरात्रि के त्योहार के दौरान अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है, जिसे हम महाष्टमी के तौर पर जानते हैं। इस दिन लोग व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के जरिये अपने सगे-संबंधियों और प्रियजनों को शुभकामना संदेश भेजते हैं।

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लाइफस्टाइल डेस्क. कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में बढ़ता ही जा रहा है। इसके चलते दुनिया ही नहीं बल्कि पूरे देश में दहशत का माहौल बना हुआ है। सभी अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने स्तर पर काम पर रहे है। इसकी वजह से देश में हुए 21 दिन के लॉकडाउन का खासा असर देखने को मिल रहा है। कहीं मन से तो कहीं सख्ती से इस लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है। ऐसे में सभी अपनी सुरक्षा के लिए घर पर ही रहने को ही प्राथमिकता दे रहे है। वहीं, महिलाएं भी इन हालातों में अपने घर और घर के लोगों की सुरक्षा और देखरेख में कोई कमी नहीं छोड़ रही है। लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं,जो बच्चे और परिवार की जिम्मेदारी से पहले अपने कर्तव्य का पालन करते हुए देश की सेवा में तत्पर है।

सौजन्य- ट्विटर

देश सेवा में लगी कैप्टन स्वाति रावल
देश में इस महामारी से बने रहे हालातों के बीच कई महिलाएं ऐसी हैं,जो घर- परिवार से दूर रह कर कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की सेवा में दिन-रात लगी हुई है। इन हालातों के बीच अपने कर्तव्य को निभाती यह महिलाएं किसी हीरो से कम नहीं। अपने कर्तव्य और लोगों की मदद में लगी ऐसी ही एक महिला की खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तारीफ कर चुके हैं। कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में बन रहे हालात के मद्देनजर विदेश में फंसे देशवासियों को वापस लाने का काम बड़े स्तर पर जारी है। इसी कार्य में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एयर इंडिया के महिला पायलट कैप्टन स्वाति रावल की काफी सराहना की जा रही है। हाल ही में इटली में फंसे 263 भारतीयों को देश वापस लाने वाली टीम की सदस्य कैप्टन स्वाति रावल की खुद पीएम ने ट्विटर पर तारीफ की।

15 सालों से उड़ा रही हैं विमान
एयर इंडिया 777 की कमांडर स्वाति एक बच्चे की माँ भी हैं। वह पिछले 15 सालों से विमान उड़ा रही हैं। यह पहली बार नहीं है कि स्वाति रावल चर्चा में हो, इसके पहले भी वह साल 2010 में मुंबई से न्यूयॉर्क जाने वाली एक फ्लाइट का हिस्सा रहीं, जिसकी सभी क्रू मैंबर्स महिलाएं थीं। स्वाति शुरु से ही फाइटर पायलट बनना चाहती थीं, लेकिन 15 साल पहले वायुसेना में महिला लड़ाकू पायलट के लिए कोई जगह नहीं थी। इसी वजह से उन्होने प्लेन उड़ाने के अपने इस सपने को पूरा करने के लिए बतौर कमर्शियल पायलट शुरूआत की। इसी काम को करते हुए स्वाति एयर इंडिया की इस फ्लाइट को इटली की राजधानी रोम से 263 भारतीयों को एयरलिफ्ट कर नई दिल्ली लाई थी।

सौजन्य- ट्विटर

प्रधानमंत्री ने किया ट्वीट
उनके इस कार्य के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने खुद भी एयर इंडिया के पायलट और क्रू की तारीफ की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “एयर इंडिया की इस टीम पर बेहद गर्व है, जिसने मानवता के लिए बेहद साहस और जज्बा दिखाया है। उनके उत्कृष्ट प्रयासों की भारत भर में कई लोगों ने प्रशंसा की है।" इसके पहले नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीटके जरिए इस फ्लाइट का नेतृत्व कर रहीं कैप्टन स्वाति रावल और कैप्टन राजा चौहान के साथ ही पूरे क्रू की तारीफ की।

दुनियाभर में 7 लाख से ज्यादा संक्रमित
दुनियाभर के 199 देशों में फैल चुका कोरोनावायरस थमने का नाम नहीं ले रहा। वायरस से अब तक 33 हजार 993 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सात लाख से ज्यादा संक्रमित हैं। वहीं, एक लाख 51 हजार से ज्यादा ठीक हुए हैं। इटली की नेशनल सिविल प्रोटेक्शन एजेंसी के मुताबिक, देश में 24 घंटे में 756 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा 10,779 हो गया है और संक्रमण के मामले 97 हजार से ज्यादा हो गए हैं। कोरोनावायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार देश में लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ा सकती है। इटली में 9 मार्च से 3 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन लगाया गया था। अमेरिका में 24 घंटे में 518 लोगों की मौत हुई है। देश के सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क में मौतों का आंकड़ा एक हजार से ज्यादा हो गया है। उधर, ब्रिटेन के डिप्टी चीफ मेडिकल अफसर जेनी हैरीज ने रविवार को चेतावनी दी कि देश में कोरोना दूसरे फेज में है। यहां 6 महीनों का लॉकडाउन लगाया जा सकता है।

देश में 1200 पहुंची संख्या
वहीं, देश में कोरोनावायरस के आज 51 नए मामले सामने आए हैं। तमिलनाडु में 17, महाराष्ट्र में 12, मध्यप्रदेश में 8, गुजरात में 6, जम्मू-कश्मीर में 3, आंध्रप्रदेश में 2, जबकि राजस्थान, पंजाब और अंडमान-निकोबार में 1-1 संक्रमित मिले हैं। अब कुल संक्रमितों की संख्या 1200 हो गई है। 32 लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े covid19india.org वेबसाइट के अनुसार हैं। सरकार के आंकड़ों में अभी संक्रमितों की संख्या 1024 ही है। इनमें से 95 ठीक हो गए हैं। बीते दो दिनों में नए मरीजों की संख्या में कुछ कमी देखी जा रही है। सोमवार को 116 नए मामले सामने आए। इससे पहले शनिवार को 143 और शुक्रवार को सबसे ज्यादा 151 रिपोर्ट पॉजिटिव आई थीं।

उत्तरप्रदेश में लोग लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं। मथुरा के सब्जी बाजार में रविवार को खासी भीड़ नजर आई।


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India Italy Coronavirus Latest News; Who Is Swati Rawal? Meet Air India Captain Who Brought Indians From Italy


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वीमेन डेस्क. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए ब्रिटेन की महिला ने अनोखा तरीका अपनाया है। हेर्ने बे की रहने वाली केंट चर्चा में हैं। केंट ने सेल्फ आइसोलेशन के लिए खुद को एक बड़े प्लास्टिक के गुब्बारे में कैद कर लिया। वहीं कहीं भी कईं तो सभी की नजरें उन पर टिक गईं। हाल में उनका एक वीडियो जारी हुआ जिसमें वह शॉपिंग करती नजर आ रही हैं। वह एक सुपरमार्केट पहुंचीं और एक सहायक की मदद से शॉपिंग की।

शॉपिंग करने से रोका गया
ब्रिटेन में लॉकडाउन के तीसरे दिन केंट अपने घर से शॉपिंग करने के लिए निकलीं। सुपरमार्केट में उन्हें इस तरह से अंदर जाने से रोका लेकिन केंट अंदर गईं और एक सहायक की मदद से शॉपिंग की। कुछ समय बाद स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड की मदद से ने उन्हें बाहर निकाला गया।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
प्लास्टिक के बैलून में कैद महिला का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। यूजर्स इसे सेल्फ आइसोलेशन का अजीबो-गरीब तरीका बता रहे हैं तो कुछ इसे महिला की मजबूरी करार दे रहे हैं।



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Coronavirus UK Lockdown Update: Britain's Woman Picks Unique Approach to COVID-19 Social Distancing


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मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) अपनी फिटनेस के लिए पहचानी जाती हैं. मलाइका अरोड़ा के...

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खतरनाक कोरोनावयारस (Coronavirus) से लड़ने के लिए लगातार सेलेब्स प्रधानमंत्री राहत...

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हेल्थ डेस्क. कोरोनावायरस जूतों पर 5 दिन जिंदा रह सकता है। यह कहना संक्रमण रोग विशेषज्ञ मैरी शेमिडिट का। मैरी के मुताबिक, नया कोरोनावायरस रबड़ के सोल, लेदर और पीवीसी प्लास्टिक पर 5 दिन या उससे ज्यादा समय तक जिंदा रह सकता है। मैरी ने कोरोना से बचाव के तौर पर सलाह ही कि लोग ऐसे फुटवियर पहनें जिसे धोया जा सके।

जूते किटाणुओं का घर
मैरी कहती हैं कि जूते किटाणुओं का घर होते हैं। जूते के ऊपरी हिस्से में वायरस लम्बे समय तक जिंदा रहता है, यह निर्भर करता है यह बनाकिस मैटेरियल से है। अगर जूता प्लास्टिक से बना है तो कोरोनावायरस इस पर 2-3 दिन तक जिंदा रक सकता है। इसलिए ऐसे जूते पहननारिस्की है।

एक जूते के सोल पर 4,21,000 बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी
2008 में हुई एरिजोना यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च कहती है कि एक जूते के सोल में औसतन 4,21,000 बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी होतेहैं। ऐसी स्थिति में खासकर छोटे बच्चों के पेरेंट्स को ध्यान रखने की जरूरत है। ये बच्चे अक्सर मैदान में खेलते हैं और संक्रमण का खतरारहता है।

कैसे करें बचाव
मैरी कहती हैं, हमेशा छोटे बच्चों से जूतों को छिपाकर रखें। ये बच्चों की पहुंच में नहीं होने चाहिए। उन्हें सिखाएं की इन्हें अपने हाथ से नहींछूना है। कोशिश करें इन्हें घर के मुख्य दरवाजे के बाहर ही रखने की व्यवस्था बनाएं। पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ कैरोल विनर कहते हैं कि जरूरीबात है कि हाथ धोने और साफ-सफाई पर फोकस करना क्योंकि एक बार ये संक्रमण फैला तो घर के दूसरे सदस्य आसानी से इसके दायरे मेंआ सकते हैं।



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Sunday, March 29, 2020

कविता कौशिक (Kavita Kaushik) ने ट्रोल्स से परेशान होकर पीएम मोदी (PM Modi) के लिए ट्वीट किया...

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कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के संकट से जहां पूरी दुनिया जूझ रही हैं, वहीं...

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कोरोनावायरस (Coronavirus) का खतरा पूरी दुनिया में फैला हुआ है. इस महामारी (Coronavirus Pandemic) के...

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आज से करीब 100 साल पहले स्पेनिश फ्लू का कहर फैला था, उस समय लॉकडाउन महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ था। वैज्ञानिकों ने अपनी हालिया रिसर्च स्टडी में यह बात कही है।

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कमाल आर खान (Kamaal R Khan) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) द्वारा माफी मांगने पर ट्वीट किया...

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कनिका कपूर (Kanika Kapoor) ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में एक घड़ी की तस्वीर भी साझा की,...

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लॉकडाउन के बीच बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) के बेटे रेहान (Hrehaan Birthday) आज अपना...

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इन दिनों लगभग सारा विश्व जानलेवा नोवेल कोरोना वायरस से फैली बीमारी COVID-19 की चपेट में है। हालांकि इस कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार अधिक उम्र के लोग ज्यादा हो रहे हैं लेकिन कोरोना वायरस से फैलने वाली बीमारी किसी भी उम्र या लिंग के व्यक्ति को हो सकती है। गुरु मनीष की इस वीडियो के माध्यम से जानिए की क्या है यह कोरोना वायरस और कैसे इस से बचें।और जाने की इस वायरस से बचने के लिए क्या क्या सावधानियां वर्तनी होंगी और इम्युनिटी कैसे स्ट्रांग होगी।


1. कोरोना वायरस इन्सानों में एक दूसरे से फैलता है। यदि किसी को वायरस है तो उस व्यक्ति से उसके साथ रहने वालों को भी यह वायरस हो सकता है।
2. एक बार यह वायरस हाथों में लग जाए तो आँखों, मुंह के माध्यम से यह शरीर में चला जाता है और फिर सीधा फेफड़ों पर हमला करता है।
3. कोरोना वायरस फेफड़ों में अपने आप को बढ़ाता है और फेफड़ों की कार्य क्षमता को कम करता है जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है।
4. वायरस के शरीर में चले जाने के बाद लगभग 5 दिनों के बाद इसके लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं।

क्या कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है?


जाने-माने आयुर्वेदिक विशेषज्ञ गुरु मनीष बताते हैं कि शरीर की इम्युनिटी बढ़ाकर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। गुरु मनीष पिछले लगभग 20 से ज्यादा सालों से आयुर्वेद के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनकी बताई गई आयुर्वेदिक औषधियों से लाखों लोग अब तक लाभ उठा चुके हैं। गुरु मनीष के नेतृत्व में पूरे भारत में 100 से ज्यादा क्लिनिक हैं जहाँ लोगों का आयुर्वेद की मदद से उपचार किया जाता है। सभी क्लिनिक्स में कुल मिलाकर 200 से ज्यादा आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं। इसके साथ साथ एक रिसर्च टीम भी है जो की तरह तरह के रोगों पर रिसर्च करती है। गुरु मनीष का कहना है कि जहां इटली, स्पेन जैसे देशों में लोगों की इम्युनिटी कमजोर होने के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण से बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई हैं इसकी तुलना में चीन में 80 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हुए लेकिन उनमें से 71 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो गए। जापान में भी कोरोना वायरस के कारण कम मौतें हुईं। इसका कारण है लोगो की इम्युनिटी पॉवर यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होना। सीधा मतलब यह है की जिसकी इम्युनिटी मजबूत है उसे इस वायरस से ज्यादा खतरा नहीं है। गुरु मनीष कहते हैं शरीर की इम्युनिटी स्ट्रांग होने से शरीर बाहर से आने वाले वायरस या बैक्टीरिया का डट कर मुकाबला करता है। और उस वायरस और बैक्टीरिया को शरीर में जाने से रोकता है।

अगर इम्युनिटी स्ट्रांग हो गयी तो फिर कोई भी शरीर पर आसानी से हमला नहीं कर सकता, फिर चाहे वो कोरोना वायरस ही क्यों न हो। इम्युनिटी उस वायरस को शरीर के अंदर आने से पहले ही खत्म कर देती है। शास्त्रोक्त विधि से बना हर्बल पैकेज मजबूत करता है इम्युनिटी गुरु मनीष और उनकी टीम द्वारा सालों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया गया हर्बल पैकेज Dr. Shuddhi एक ऐसा उत्पाद है जो शरीर की इम्युनिटी को बढ़ने में मदद करता है। Dr. Shuddhi पैकेज शरीर में मौजूद खतरनाक टॉक्सिन्स को भी बाहर निकालता है। आप इस पैकेज को शुद्धि की वेबसाइट से खरीद सकते हैं – https://ift.tt/3by4yqz

साथ ही यह आयुर्वेदिक पैकेज अन्य बीमारियों में भी बहुत फायदेमंद है । यह पैकेज न केवल शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है बल्कि शरीर को किसी भी बीमारी से ठीक करने में भी मदद करता है।


यह पैकेज गुरु मनीष और बहुत से अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टरों की देख रेख में बनाया गया है। शुद्धि के देशभर में लगभग 100 से अधिक क्लिनिक हैं जहाँ से आप इस पैकेज को आर्डर कर सकते हो। तो अगर आप भी चाहते हैं की शरीर की इम्युनिटी बढे और शरीर से सभी विषैले पदार्थ बाहर निकल जाएं तो आपने नज़दीकी शुद्धि क्लिनिक में जाकर के आप इस पैकेज को ले सकते हैं या आर्डर भी करवा सकते हैं। आप शुद्धि क्लिनिक को सीधा कॉल कर के भी मंगवा सकते हैं।

आप सभी लोग गुरु मनीष को सोशल मीडिया पर फॉलो कर सकते हैं और सीधे उनसे स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी ले सकते हैं।



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Ayurveda is effective in increasing your immunity to protect against corona virus


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अमेरिकी कंपनी एबॉट पांच मिनट में रिजल्ट देने वाले अपने किट के साथ तैयार है। कंपनी के लैब फिलहाल अमेरिका में उपलब्ध हैं, जबकि भारत में भी इस पोर्टेबल किट से जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है। 

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मसालों के स्वाद और सुगंध को बढ़ाने के लिए लौंग का इस्तेमाल किया जाता है। इससे होने वाले फायदों के बारे में आपने जरूर सुना होगा। हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में अनियमित खानपान और गलत जीवनशाली के वजह से ऐकी कई गलतियां करते हैं

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कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus) को लेकर दुनिया भर में जंग जारी है. भारत में 21 दिन का...

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टीवी एक्ट्रेस सरगुन मेहता (Sargun Mehta) का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो...

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मां वो इंसान होती है, जो अपने बच्चों की खुशी में ही अपनी खुशी समझती है। किसी भी मां के लिए उसके बच्चों से बढ़कर कुछ नहीं होता है। बच्चो के पैदा होने से लेकर मां की अंतिम सांस तक उसके लिए बच्चे ही प्राथमिकता होते हैं।

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5 superfoods for improve digestion acidity home remedies

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कोरोना वायरस के संकट से पूरा देश जूझ रहा है। लोगों के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है और सबको सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए कहा गया है।

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टेलीविजन की इच्छाधारी नागिन और मशहूर एक्ट्रेस निया शर्मा (Nia Sharma) अपने ग्लैमरस...

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इससे पहले ट्विंकल खन्ना (Twinkle Khanna) ने अक्षय कुमार (Akshay Kumar) को लेकर ट्वीट किया: "यह...

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लाइफस्टाइल डेस्क. कोरोनावायरस से कोई भी संक्रमित हो सकता है, बच्चे-बूढ़े से लेकर जवान तक। लेकिन बच्चों के मामले में एक बात का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। अगर बच्चे में कोरोनावायरस के शुरुआती लक्षण जैसे सर्दी, खांसी और बुखार दिखें तो उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाने की जल्दबाजी न दिखाएं। पहले किसी डॉक्टर से फोन पर या अपने राज्य की हेल्पलाइन पर परामर्श करें और बच्चे के बारे में पूरी जानकारी दें। अन्य सार्वजनिक स्थानों की ही तरह अस्पतालों में भी संक्रमण हो सकता है और खासकर पांच साल से छोटे बच्चे इसके ज्यादा आसानी से शिकार हो सकते हैं। इसलिए बेहद जरूरी होने पर ही बच्चे को अस्पताल ले जाना चाहिए।


रिसर्च के मुताबिक
चीन में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों के अध्ययन में यह सामने आया है कि बच्चे और किशोर इसका शिकार अपेक्षाकृत कम हुए हैं। ज्यादा खतरा सिर्फ पांच साल से कम उम्र के बच्चों और शिशुओं के लिए है। इसलिए अगर आपके बच्चे को सर्दी-खांसी या बुखार है, तो सबसे पहले उसकी केस हिस्ट्री पर ध्यान दीजिए। अगर उसे सर्दी-खांसी की शिकायत पहले भी होती रही है, अगर बच्चा कहीं बाहर नहीं गया है, किसी बाहरी व्यक्ति से मिला-जुला नहीं है, घर का कोई सदस्य कहीं बाहर नहीं गया है या कहीं यात्रा से वापस नहीं आया है, तो इसका मतलब है कि उसे कोरोनावायरस होने की आशंका कम है।

वायरस के वाहक हो सकते हैं बच्चे
लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि बच्चे को लेकर हम असावधान हो जाएं। बच्चों पर वायरस का असर भले ही कम नजर आता हो, लेकिन वे वायरस के वाहक हो सकते हैं, यानी उनसे दूसरे लोग संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए बच्चों में भी हाइजीन का पूरा ख्याल रखें। उनके हाथ बार-बार धुलाते रहें। बच्चों को इस दौरान खांसने और छींकने के एटीकेट्स सिखाने की भी जरूरत है।

गर्भस्थ शिशु को खतरा नहीं
कोरोनोवायरस के कारण गर्भवती स्त्रियों के भ्रूण में पल रहे शिशु को कोई ख़तरा नहीं है। चीन में हुए अध्ययन में यह बात सामने आई है। यह अध्ययन फ्रंटियर इन पेडियाट्रिक्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन में कहा गया है कि अगर किसी गर्भवती महिला को कोरोना संक्रमण (कोविड 19 पॉजिटिव) भी है, तब भी गर्भस्थ शिशु को इसका कोई जोखिम नहीं है। इसके अलावा नई मां बनी महिलाएं अपने बच्चे को स्तनपान कराना जारी रखें। बस इतना ध्यान रखें कि बच्चे को स्तनपान कराते समय अपनी खुद की साफ-सफाई अच्छी होनी चाहिए। अपने मुंह पर मास्क बांधने के साथ हाथों को सैनेटाइज करके ही दूध पिलाएं।

गर्भवती महिलाएं पानी पीती रहें, धूप में बिताएं 30 मिनट
देश में अगले और 16 दिन लॉकडाउन जारी रहेगा। लेकिन शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं के लिए इस क्वारेंटीन अवधि को स्वयं ही आगे बढ़ाना चाहिए। कुछ और टिप्स :

  • बच्चों और गर्भवती महिलाओं को घर के आसपास भी नहीं जाने दें।
  • घर में हर व्यक्ति अपने हाथों को हमेशा साफ रखें और मास्क का इस्तेमाल करें। दिन में कम से कम छह बार 20-20 सेकंड तक हाथ धोने की जरूरत है।
  • अभी बच्चों को किसी के साथ खेलने न दें। घर में अगर बुज़ुर्ग हैं और किसी को सर्दी-खांसी है, तो उनसे दूरी बनाकर रखना जरूरी है।
  • बच्चों को पौष्टिक आहार दें। गर्भवती महिलाएं अपने पोषण पर खास ध्यान दें, शरीर को हाइड्रेट रखें और बीच-बीच में पानी पीती रहें।
  • सुबह के समय घर के बरामदे या बालकनी में बच्चे और गर्भवती महिला 30 मिनट धूप में बिताएं।
  • बच्चों को छूने से पहले व बाद में हाथों की अच्छी तरह सफाई करें। स्पर्श करने वाली सभी सतहों की सफाई करें।
  • अगर बच्चा थोड़ा बड़ा है तो उसे हल्की-फुल्की कसरत और योग करने के लिए प्रेरित करें।


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Children older than five years are less at risk, but they may be carriers of infection


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कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार भारत में बढ़ रही हैं....

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एजुकेशन डेस्क. नवरात्र में करोड़ों लोग उपवास (व्रत) रख रहे हैं। किंतु उपवास का महत्व केवल धर्म तक ही सीमित नहीं है। उपवास का आधार वैज्ञानिक भी है। अनेक शोधों से यह साबित हो चुका है कि उपवास के कई लाभ होते हैं। हाल ही में अमेरिका के संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजिंग और जर्मनी के रिसर्च संस्थान डीजेडएनई ने भी अपने शोध और अध्ययनों में उपवास के फायदों की पुष्टि की है।

क्या होते हैं फायदे?

  • नियमित उपवास करने से शरीर के फैट में 10 फीसदी तक की कमी होती है। यानी इससे मोटापा घटता है।
  • खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नियंत्रित होती है। दिल की बीमारियों से बचाव होता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यानी इससे तमाम तरह के वायरस और बैक्टीरिया के हमलों को निष्प्रभावी कर सकते हैं।
  • इससे शरीर में इन्सुलिन का स्राव नियंत्रण में रहता है, जिससे डायबिटीज होने की आशंका घटती है।
  • फैट बर्न होने से फैट में उपस्थित टॉक्सिन्स यानी विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं।
  • नियमित उपवास करने से बुढ़ापे की प्रकिया धीमी होती है। मांसपेशियों म में टूट-फूट की दर भी घटती है।

उपवास यानी भारी फलाहार नहीं
उपवास-व्रत का मतलब यथासंभव भूखा रहना या कम मात्रा में पौष्टिक फलाहार लेना है। उपवास में फलाहार के नाम पर भरपेट साबूदाने की खिचड़ी, सिंघाड़े की पकौड़ी-कचौड़ी जैसी चीजें नहीं खानी चाहिए। इससे उपवास के फायदे नहीं मिलेंगे।

व्रत खत्म करते समय क्या खाएं?
यदि आपने उपवास या व्रत काफी भूखा रहकर किया है यानी इस दौरान फलाहार भी नहीं लिया है तो बेहतर होगा कि पहले बहुत हल्का भोजन ही लें जैसे फलों/ सब्जियों के जूस से शुरुआत कर सकते हैं। फिर दाल, चावल, सब्ज़ी इत्यादि ले सकते हैं। किंतु यदि आप उपवास के दौरान फलाहार समुचित मात्रा में लेते रहे हैं, तब तो सामान्य भोजन से भी उपवास तोड़ सकते हैं।

किन्हें उपवास नहीं करना चाहिए?

  • अठारह साल से कम उम्र वालों को।
  • टाइप 1 डायबिटीज के मरीज।
  • जच्चा और गर्भवती महिलाएं। इन्हें हर वक्त पोषण की जरूरत होती है।
  • माइग्रेन के रोगी, जिन्हें भूखा रहने से तीव्र सिरदर्द हो सकता है।


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Along with preventing heart diseases and reducing obesity, fasting has its many benefits.


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12 मई 1820 को इटली के फ्लोरेंस में विलियम नाइटिंगेल और फेनी के घर जन्मीं फ्लोरेंस नाइटिंगेल इंग्लैंड पली-बढ़ीं। धनी परिवार की फ्लोरेंस को 16 साल की उम्र में एहसास हो गया था कि उनका जन्म सेवा के लिए हुआ है।

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Saturday, March 28, 2020

कमाल आर खान (Kamaal R Khan) ने लिखा: "भाई जान अक्षय कुमार (Akshay Kumar) आपने यह साबित कर दिया कि...

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लाइफस्टाइल डेस्क. वायरस या बैक्टीरिया उस व्यक्ति को ज्यादा प्रभावित नहीं करते, जिसकी इम्युनिटी बेहतर होती है। जाने-माने एलोपैथी एक्सपर्ट्स के अलावा अध्यात्म, आयुर्वेद और योग विशेषज्ञों से जानते हैं कि कैसे बढ़ा सकते हैं अपनी इम्युनिटी...

‘नो वल कोरोनावायरस’ ने भारत सहित पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। इस एक वायरस (सार्स-कोव-2) से लाखों लोग संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। इसका टीका बनने में लंबा वक्त लग सकता है। आखिर हम कब तक लॉकडाउन करते रहेंगे? वायरस और उससे जुड़ी बीमारियों को रोकना हमारे हाथों में नहीं है, लेकिन ऐसी बीमारियों के सामने डटकर खड़े रहना और खुद को मजबूत करना हमारे हाथ में हो सकता है। हम मजबूत तब बनेंगे, जब हमारा प्रतिरक्षा तंत्र यानी इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनेगा। यह हमारे शरीर का वह रक्षा कवच है, जो हमें बीमारियों से बचाता है।


क्या है इम्यून सिस्टम?

  • इम्युनिट सिस्टम हमारे शरीर वह रक्षा कवच है वायरस, बैक्टीरिया, फंगी, एल्गी समेत उन तमाम रोगाणुओं के सामने ढाल बनता है, जो बीमारियों का कारण बनते हैं। यह सिस्टम कोई एक कोशिका नहीं, बल्कि कई कोशिकाओं के समूह के साथ शरीर का बाहरी डिफेंस सिस्टम भी है।
  • इसे प्रमुख रूप से दो भागों में बांट सकते हैं। पहला है इनैट, यानी जन्मजात इम्यून क्षमता। त्वचा, नाक में मौजूद स्नॉट, लार पहला रक्षा कवच होते हैं। दूसरा है एडॉप्टिव इम्यून सिस्टम यानी अनुकूल प्रतिरक्षा प्रणाली, जो हम लाइफस्टाइल से हासिल करते हैं।
  • जब हम संक्रमण के शिकार होते हैं या किसी रोगजनक के संपर्क में आते हैं, तो हमारा शरीर उसके खिलाफ लड़ने के लिए तैयार होता है।
  • कई बार रोगाणु रक्षात्मक प्रणाली को तोड़कर शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं। तब इनका मुकाबला हमारी व्हाइट ब्लड सेल्स (लिम्फोसाइट्स) से होता है।
  • पर कई मामलों में इम्यून सिस्टम कुछ ब्लाइंड स्पॉट्स छोड़ देता है। कुछ बग्स को यह नहीं पकड़ पाता। यही ब्लाइंड स्पॉट्स नई-नई बीमारियों का कारण बनते हैं। इसका मतलब यह है कि मजबूत इम्यून सिस्टम के साथ इससे लड़ा जा सकता है।

कैसे बढ़ाएं अपनी इम्युनिटी?

1. इम्युनिटी बढ़ाने में डाइट अहम: इम्युनिटी मजबूत करने के लिए जीवनशैली में डाइट की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। विटामिन बी12 को छोड़कर सारे खनिज पदार्थ और विटामिन्स भोजन से प्राप्त हो सकते हैं। विटामिन बी12 के लिए केवल डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं। रुटीन का भोजन पोषण से भरा और विविधता लिए हुए होना चाहिए। इसमें सब्जियों और दालों की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए मौसमी फलों को भी अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं। इनमें मौजूद पॉलीफिनोल्स, विशेष तौर पर फ्लेवेनॉइड्स के कारण यह इम्युनिटी सेल्स के लिए अच्छे होते हैं। इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट्स भी इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करते हैं। बीटा कैरोटीन, विटामिन सी और ई, जिंक और सेलेनियम एंटीऑक्सीडेंट्स के ही नाम हैं जो प्राय: पालक, टमाटर, जामुन, गोभी, फूलगोभी, संतरा, पपीता, बादाम व मक्का से मिलते हैं। रोज के भोजन में इसमें से कुछ न कुछ जरूर लें।

2. कसरत को भी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं: साइकिलिंग, जिमिंग, रनिंग या अन्य किसी भी तरह की शारीरिक कसरत नियमित रूप से करने से व्हाइट ब्लड सेल्स की शरीर में सक्रियता बनी रहती है, जो इम्युनिटी के लिए जरूरी है। उनका शरीर में प्रवाह सुचारू रूप से चलता रहे, इसके लिए ब्लड फ्लो अच्छा होना चाहिए। यह कसरत से ही संभव है। युवाओं को सप्ताह में 150 मिनट मॉडरेट एक्टिविटीज़ जैसे साइकिलिंग, हाइकिंग आदि करनी चाहिए। वहीं सप्ताह में 75 मिनट रनिंग, स्विमिंग करना चाहिए।

3. डाइट और बेहतर लाइफ स्टाइल का तालमेल बनाएं : प्रतिरक्षा तंत्र यानी इम्युनिटी सिस्टम किसी दवा या अच्छी डाइट आदि से अचानक ही बेहतर नहीं बन सकता। इसे तालमेल में रखने के लिए हमेशा ही अच्छी जीवनशैली बनाए रखना जरूरी है। इम्युनिटी सिस्टम की हर कोशिका अलग तरह से प्रतिक्रिया करती है। इसके चलते अगर इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कोई दवा ली जाती है, तो कोशिकाएं कन्फ्यूज़ हो जाती हैं। दवाओं से स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए दवाओं से इम्युनिटी बढ़ाने के बजाय जीवनशैली में बदलाव से यह कोशिश करनी चाहिए।

इम्युनिटी के तीन दुश्मन : तनाव, शराब और कम नींद

  • अचानक शरीर को स्ट्रेस देने से प्रतिरक्षा तंत्र पर विपरीत असर पड़ता है। कोई फिजिकल एक्टिविटी शुरुआत में बहुत ज्यादा ना करें। इससे स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ता है। दिमाग पर स्ट्रेस देना भी इम्युनिटी सिस्टम के लिए खतरनाक है।
  • किसी भी तरह का धूम्रपान शरीर को नुकसान पहुंचाता है। अत्यधिक अल्कोहल के सेवन से लिम्फोसाइट्स की संख्या भी कम हो जाती है। ऐसे में संक्रमण का शिकार होने की आशंका बढ़ जाती है।
  • पर्याप्त नींद ना लेने से इम्युनिटी को नुकसान पहुंचता है। इससे लिम्फोसाइट्स टी सेल्स में कमी आती है। इससे इम्युनिटी पर असर पड़ता है ।

मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास से जानें अध्यात्म से इम्युनिटी बढ़ाने के तरीके

  • सकारात्मक रहिए, डर दूर कीजिए

जीवन में सकारात्मकता से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। जो व्यक्ति अपने व्यवहार में ग्रेटीट्यूड यानी कि कृतज्ञता रखता है, उसकी इम्युनिटी बेहतर होती है। इस पर कई रिसर्च पेपर भी प्रकाशित हो चुके हैं। अपने इर्द-गिर्द सकारात्मक बातों पर ध्यान लगाएं और अपने व्यवहार में कृतज्ञता लेकर आएं, इससे स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। मन-मस्तिष्क को शांत और सकारात्मक बनाए रखने से भी शरीर पर सकारात्मक असर पड़ता है, इससे इम्युनिटी बढ़ती है।

अच्छा खाने, पर्याप्त नींद लेने और योग करने से भी इम्युनिटी बढ़ती है। तनाव और डर शरीर का सबसे बड़ा दुश्मन है। तनाव और डर के चलते शरीर के अंदर मौजूद वायरस हावी हो जाते हैं। इसलिए अपने मन से डर और तनाव निकाल दीजिए।

डॉ. अबरार मुल्तानी बता रहे आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने के तरीकें

आयुर्वेद में इम्युनिटी बढ़ाने के कई उपाय हैं। इनतीन कारगर और आसान उपायोंमें से रोजाना एक को भी अमल में ले लाएंगे तो फायदा होगा। तीनों करें तो और भी बेहतर :

  • आधे चम्मच हल्दी व उसमें शहद मिलाकर रोज़ाना सोते समय कुनकुने दूध से लें।
  • आधा चम्मच आंवला पाउडर में शहद मिलाकर रोज़ाना सुबह सेवन कीजिए।
  • एक गिलास कुनकुने पानी में एक नींबू का रस मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं।
  • इसके अलावा रोज़ाना सुबह 30 मिनट धूप लें।

योग विशेषज्ञ शैलजा त्रिवेदी से जानिए इम्युनिटी बढ़ाने वाले 5 प्राणायाम
प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने में प्राणायाम सबसे कारगर हैं। रोजाना भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और प्रणव नाद करना चाहिए। श्वास-प्रश्वास के ये अभ्यास कई बीमारियों से बचाते हैं। प्राणायाम भारत के साथ-साथ अब विदेशों में भी काफी प्रचलित हो रहा है। कई जगह इसे कॉन्शियस ब्रीदिंग भी कहते हैं। इसके साथ-साथ नासिका मुद्रा करने से भी लाभ मिलता है और हमारी इम्युनिटी में बढ़ोतरी होती है। इन सभी अभ्यासों को ठीक तरीके से करने के लिए कई तरह के वीडियोज यूट्यूब पर उपलब्ध हैं।



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गोविंदा (Govinda) ने इस वीडियो को शेयर कर लिखा: "इसे मिस मत करो. जी सिने अवॉर्ड्स."...

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हेल्थ डेस्क. कोरोनावायरस से लड़ना चाहते हैं तो खाने में नमक की मात्रा कम ही रखें। खाने में नमक की अधिक मात्रा ब्लड प्रेशर को बढ़ाने के साथ रोगों से लड़ने की क्षमता को घटातीहै। यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल बोन में हुई रिसर्च में ये बातें सामने आई हैं। साइंस ट्रांसलेशन मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित किया अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने चूहों और इंसानों दोनों पर अध्ययन किया है।


इंसान और चूहे दोनों की इम्युनिटी कम हुई

शोधकर्ताओं के मुताबिक, जिन चूहों को अधिक नमक वाला खाना दिया गया उनमें बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन ज्यादा हुआ। वहीं, शोध में शामिल किए गए जिन इंसानों ने हर दिन छह ग्राम अतिरिक्त नमक का सेवन किया उनकी भी इम्युनिटी कमजोर पाई गई। दिन में दो बार फास्ट फूड का सेवन करने से इंसान छह ग्राम अतिरिक्त नमक का सेवन कर लेते हैं।

ऐसे किया गया अध्ययन
सोडियम क्लोराइड इंसानों की रोग प्रतिरोधी क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। शोधकर्ताओं ने शामिल प्रतिभागियों को हर दिन छह ग्राम अतिरिक्त नमक का सेवन कराया। ये नमक दो फास्ट फूड में मौजूद थे जैसे दो बर्गर और दो फ्रेंच फ्राई के पैकेट। एक हफ्ते बाद शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के ब्लड सैम्पल लिए और उनमें मौजूद ग्रैनुलोसाइट की मात्रा को देखा। ग्रैनुलोसाइट प्रतिरोधी कोशिकाएं होती हैं जो रक्त में मौजूद होती हैं।

नमक प्रतिरोधी क्षमता को घटाता है
नमक की उच्च मात्रा के कारण ये ग्रैनुलोसाइट प्रतिरोधी कोशिकाएं बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में कम प्रभावकारी साबित हो रही थीं। ज्यादा नमक खाने से रक्त में ग्लूकोकोरटिसोइड का स्तर भी बढ़ गया। ये पदार्थ प्रतिरोधी क्षमता पर हावी होकर उसे कमजोर कर देता है। नमक का ज्यादा सेवन करने से प्रतिरोधी क्षमता कमजोर हो सकती है।

एक दिन में 5 ग्राम नमक ही काफी
शोध के अनुसार एक वयस्क को दिन में पांच ग्राम से ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। लेकिन, असलियतमें लोग इससे कहीं ज्यादा नमक का सेवन हर दिन कर लेते हैं। रोबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के एक शोध के अनुसार एक औसत आदमी दिनभर में10 ग्राम नमक का सेवन करता है और महिला आठ ग्राम नमक का सेवन करती हैं। ज्यादा नमक का सेवन करने से रक्तचाप में बढ़ोतरी होतीहै और इससे दिल के दौरे व मस्तिष्काघात का खतरा बढ़ता है।



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Coronavirus (COVID-19) research; too much salt in diet can weaken the immune system to fights COVID 19 


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हेल्थ डेस्क.कोरोनावायरस से बचाव के लिए कौन सा मास्क खरीदें? यह सवाल ज्यादातर लोगों को जेहन में चलता है। हार्टकेयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया केप्रेसिडेंट डॉ. केके अग्रवाल के मुताबिक, वायरस से बचाव के लिए N95 मास्क ही सबसे बेहतर है। मास्क जब भी खरीदें तो ध्यान रखें इसकीरेटिंग N95 ही हो। दूसरी सबसे अहम बात इसका आपके चेहरे पर फिट होना जरूरी है, अगर ऐसा नहीं है तो इसका कोई फायदा नहीं होता। फेसमास्क केकुछ और प्रकार भी हैं जो वायरस से बचाव करते हैं, जानिए कौन का मास्क कितनी सुरक्षा देता है-

N95 मास्क

यह कोरोनावायरस जैसे संक्रमण से बचाव के लिए सबसे बेहतर मास्क है। यह आसानी से मुंह और नाक पर फिट हो जाता है और बारीक कणोंको भी नाक या मुंह में जाने से रोकता है। यह हवा में मौजूद 95 प्रतिशत कणों को रोकने में सक्षम है इसलिए इसका नाम N95 पड़ा है।कोरोनावायरस के कण डायमीटर में 0.12 माइक्रॉन जितने होते हैं, जिसकी वजह से यह काफी हद तक मदद करता है। यह बैक्टीरिया, धूल औरपरागकणों से 100 फीसदी बचाता है।

सर्जिकल मास्क

N95 मास्क उपलब्ध न होने पर यह बेहतर विकल्प है। यह वायरस से 95 फीसदी बचाव करता है। वहीं बैक्टीरिया, धूल और परागकणों से 80फीसदी तक सुरक्षा देता है। ये ढीले फिटिंग वाले होते हैं, इसलिए जब भी इसे लगाएं अच्छे से नाक और मुंह को कवर करें।

FFP मास्क

यह मास्क तीन कैटेगरी में उपलब्ध है। FFP1, FFP2 और FFP3, इसमें FFP3 सबसे बेहतर है। यह अतिसूक्ष्म कणों से बचाता है। FFPमास्क वायरस से 95 फीसदी और बैक्टीरिया-धूल-परागकणों से 80 बचाव करता है।

एक्टिवेट कार्बन मास्क

इसका इस्तेमाल आमतौर पर गंध रोकने के लिए किया जाता है। यह वायरस से बचाव करने में नाकाफी है क्योंकि महज 10 फीसदी तक हीसुरक्षा देता है। वहीं, बैक्टीरिया, धूल और परागकणों को रोकने में 50 फीसदी ही बचाव करता है

कपड़े वाला मास्क

यह वायरस से बचाव नहीं करता। न ही विशेषज्ञ इसे लगाने की सलाह देते हैं। आमतौर पर लोग इसे घर पर ही बनाते हैं। यह बैक्टीरिया, धूलऔर परागकण से 50 फीसदी ही बचाव करता है। इसे एक बार इस्तेमाल करने के बाद डिस्पोज करना बेहद जरूरी है।

स्पंज मास्क

यह मास्क वायरस से बिल्कुल नहीं बचाता। बैक्टीरिया और धूल से महज 5 फीसदी ही बचाव करता है। एक्सपर्ट भी इसे लगाने की सलाह नहींदेते।



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Coronavirus N95 Face Mask | When and How to Use Masks as Corona (COVID-19) Cases Rise In India | Utility Utility


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बाजार से सामान लाने में भी सावधानी रखने की अपील की जा रही है। इस बीच एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जूतों के माध्यम से भी कोरोना का संक्रमण फैल सकता है। आइए, जानते हैं इस बारे में:

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कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) को लेकर दुनिया भर में जंग जारी है. भारत में 21...

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ओनिर (Onir) ने लिखा: "सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लॉकडाउन! हां यह महत्वपूर्ण था. लेकिन...

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खतरनाक कोरोनावायरस (Coronavirus) के कारण पूरा देश इस समय लॉकडाउन (Lockdown) में है. ऐसे में...

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कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की है लेकिन कहीं ऐसा न हो कि हमारी लापरवाही की वजह से यह योजना विफल हो जाए। जाहिर सी बात है

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आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) ने लोगों से इस बात की अपील है की कि वे कोविड 19 (Covid 19) की...

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी लॉकडाउन के साथ संक्रमितों की पहचान और सही तरीके से जांच को ही कोरोना वायरस से बड़ा बचाव माना है। भारत में फिलहाल 15 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित किया गया है और लोगों से इसका सख्ती से पालन करने की अपील की गई है।

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लॉकडाउन के बाद गरीबों को हुई समस्या के बाद कई राज्य सरकारें हरकत में आ गई है....

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कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus) को लेकर दुनिया भर में जंग जारी है. भारत में 21 दिन का...

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कोरोना वायरस के संक्रमण के वजह से पूरी दुनिया में दहशत मचा हुआ है। यह वायरस शक्तिशाली देशों के लिए भी एक चुनौती बन गया है। फिलहाल कोरोना को रोकने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं मौजूद है।

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आपने ऐसे कई लोगों को देखा होगा जो अक्सर बीमार पड़ जाते हैं या उन्हें हमेशा सर्दी-जुकाम की समस्या बनी रहती है। यह समस्या इम्यून सिस्टम के कमजोर होने के कारण होती है, जिसके वजह से लोग बार-बार बीमार पड़ जाते हैं।

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कोरोनावायरस (Coronavirus) के खतरे से देशव्यापकी लॉकडाउन के बीच दूसरे शहरों में अपनी...

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देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) के चलते आजीविका पर विराम लग जाने के बाद दूरदारज के...

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हेल्थ डेस्क. स्विटजरलैंड की 95 साल की गेट्रूड फेटल कोरोनावायरस को हराने के बाद शुक्रवार को घर वापस लौटीं। वह पिछले एक हफ्ते से आइसोलेशन में थीं। इलाज के दौरान एक समय पर उन्होंने कृत्रिम ऑक्सीजन लेने से भी मना कर दिया था। डॉक्टरों से उन्होंने कहा, इस उम्र में मुझे कृत्रिम ऑक्सीजन मत दो। मैंने अपना जीवन जी लिया अब मुझे शांतिपूर्वक जाने दो।

पूरी कहानी महिला की जुबानी….

शुक्रवार को घर वापस लौटने पर उन्होंने कहा, इलाज के दौरान मैं डरी नहीं, अब घर आकर खुश हूं। मेरे 10 नाती-पोते हैं, मैं वापस आकर उन्हें देखना चाहती थी। इलाज के दौरान मैंने आईपैड से बच्चों से बातचीत करना जारी रखा।

करीब आठ दिन पहले मुझे सांस लेने में तकलीफ हुई। एम्बुलेंस से मुझे हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्टरों ने शरीर से ब्लड सैम्पल लिया और ब्लड प्रेशर चेक किया। मुझे नली की मदद से एंटीबायोटिक्स दी गईं। ऐसा एक दिन में तीन बार किया जाता था। यह थोड़ा परेशान करने वाला था लेकिन ठीक है, होता है।

मुझे मौत से डर नहीं लगता, 95 साल की उम्र में तो कतई नहीं। यह जाने का समय है लेकिन मैंने इस बारे में कभी नहीं सोचा। मैं चलने के लिए वॉकर का इस्तेमाल करती हूं और पूरी उम्र भर स्वस्थ रही हूं।मैं सिर्फ ब्लड प्रेशर की दवाएं और कभी-कभी ब्रॉन्काइटिस से बचाव के लिए कफ सीरप लेती हूं।

घर के बाहर अपनी बेटी जैक्लीन के साथगेट्रूड।

ब्लड में ऑक्सीजन का स्तर गिर रहा था

गेट्रूड की बेटी जैक्लीन कहती हैं कि जब डॉक्टर ने मुझे बताया कि मां के ब्लड में ऑक्सीजन का स्तर गिर रहा है। और अगले 24 घंटे में सब कुछ रुक जाएगा, तो मैं डर गई। मुझे लगा उस रात मैं मां को खो दूंगी। मां ने भी ऑक्सीजन लेने से मना कर दिया था। अगले दिन डॉक्टर्स ने दवाओं की मदद से इलाज जारी रखा ऑक्सीजन का स्तर वापस सामान्य हुआ। उनकी हालत में सुधार हुआ। मैंने देखा वीडियो कॉलिंग के दौरान वह बिना खांसे मुझसे बात कर रही थीं।



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Switzerland Coronavirus Latest News Today Updates: Corona Survivor-95-Year-Old Woman Speaks About Overcoming Novel Corona Virus Disease (COVID-19)


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शुक्रवार को 'खुशनुमा' के इस गायक ने सोशल मीडिया पर अपने इस लुक को प्रशंसकों के...

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बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) हाल ही में यूके टैटलर मैगजीन के कवर...

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सांस लेने में तकलीफ बढ़ने पर उसे ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर और आईसीयू जैसी जरूरतें होती है। वहीं इस स्थिति में आराम दिलाने के लिए चीन के शोधकर्ताओं ने एक और तरीका बताया है।

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कोरोनावायरस (Coronavirus) को फैलने से रोकने के लिए इस समय जनता अपने घरों में बंद हैं...

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फराह खान अली (Farah Khan Ali) ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javdekar) के ट्वीट पर...

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हेल्थ डेस्क. चीन में सुरक्षा कर्मियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित इंफ्रारेड कैमरे से लैस काले चश्मे दिए गए हैं ताकि वो राह चलतेलोगों के शरीर के तापमान की जांच कर सकें। इस नए उपकरण की मदद से सड़क पर चलने वाले लोगों के तापमान के बारे में आसानी से पतालगाया जा सकेगा ताकि किसी भी कोरोनावायरस संदिग्ध की पहचान की जा सके।

पेट्रोलिंग के समय चश्मे का इस्तेमाल
हैंगजाउ के एक पार्क में पेट्रोलिंग अधिकारी इन चश्मों का इस्तेमाल कर रहे हैं। काले रंग के कपड़े पहने अधिकारी इन चश्मों को लगाकरहोंगयुआन के सीनिक पार्क में घूमते हुए नजर आ रहे हैं।। एक अधिकारी ने मुताबिक, पहले हम पारंपरिक फोरहेड थर्मामीटर का इस्तेमाल कररहे थे। इसके लिए लोगों को लाइन में खड़े होकर तापमान की जांच करानी पड़ती थी। इसमें काफी समय बर्बाद होता था। नई तकनीक की वजहसे लोगों के शारीरिक तापमान की जांच करना काफी आसान हो गया है।

अधिक तापमान होने पर करता है अलर्ट
इंफ्रारेड कैमरे का इस्तेमाल इस चश्मे में लगे इंफ्रारेड कैमरे में आर्टिफिशियल तकनीक का इस्तेमाल किया है। ये तकनीक लोगों के तापमान कीदूर से ही जांच कर लेता है और उन्हें चश्मे में डिस्प्ले कर देता है ताकि अधिकारी उन्हें तुरंत देख सकें। जैसे ही कोई ज्यादा शारीरिक तापमानवाला व्यक्ति चश्मे के सामने आता है वैसे ही उपकरण तुरंत पेट्रोलिंग अधिकारी को चेतावनी दे देता है। ये इंफ्रारेड कैमरा एक कॉन्टैक्टलेसउपकरण है जो गर्मी की ऊर्जा की पहचान करता है और इसे एक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल में बदल देता है। इन इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल से तापमान कीगणना की जाती है और फिर मॉनिटर पर एक थर्मल इमेज डिस्प्ले की जाती है।


खोले जा रहे हैं पर्यटक स्थल
चीन की सरकार ने निर्देश दिए हैं कि प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों पर आने वाले पर्यटक स्थलों पर प्रवेश करने से पहले अपने शारीरिक तापमान कीजांच कराएं। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए ये सावधानी बरती जा रही है। कोरोना वायरस की वजह से लम्बे समय तक चीन मेंसबकुछ बंद रहने के बाद पर्यटक स्थलों को खोला जा रहा है। कुछ पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों को पहले से टिकट बुक कराने को कहा जा रहा हैऔर साथ ही उन्हें ग्रीन हेल्थ कोड देने के लिए कहा जा रहा है। ये कोड सरकार द्वारा स्वास्थ्य जांच के बाद जारी किए जा रहे हैं ताकि लोगखुद को कहीं भी वायरस से मुक्त घोषित कर सकें।

चीन में बड़े पैमाने पर एआई का इस्तेमाल
चीन में बड़े पैमाने पर कोरोनावायरस को रोकने के लिए एआई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अस्पतालों में एआई से लैस रोबोट कीमदद से कोरोनावायरस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। रोबोट मरीजों तक दवाएं और खाना पहुंचाते हुए नजर आ रहे हैं। कचरे कानिस्तारण और साफ -सफाई का जिम्मा भी रोबोट के हिस्से में ही है। चीनी प्रशासन फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक की मदद से कोरोनावायरसमरीजों की गतिविधियों को भी निगरानी कर रहा है।



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China Coronavirus Update: China Work On Artificial Intelligence (AI) for Coronavirus disease (COVID-19)


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Friday, March 27, 2020

इस वीडियो में अनुपम खेर (Anupam Kher) की मां पीएम मोदी (PM Modi) को लेकर कह रही हैं, "इतना ये...

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हेल्थ डेस्क. आईआईटी दिल्ली ने ऐसा कपड़ा तैयार किया है, जो हानिकारक बैक्टीरिया को खुद खत्म कर देगा। इस कपड़े को कोरोना जैसेजानलेवा वारयस को मारने के लिए तैयार किया है, जो छूने से ही एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलते हैं। कपड़े पर बैक्टीरिया मारने के सभीटेस्ट सफल हो चुके हैं। हालांकि, फाइनल टेस्ट के लिए कपड़े का सैंपल एंटी वायरल लैब में भेजा जाएगा। जहां कोरोनावायरस से कपड़े के सैंपलका टेस्ट किया जाएगा।

अस्पताल में इंफेक्शन से बचाएगा
ये कपड़ा अस्पताल में होने वाले इंफेक्शन से बचाएगा। बैक्टीरिया मारने वाला कपड़े का फॉर्मूला ईजाद करने वाले टीम में वैज्ञानिक प्रोफेसर सम्राट मुखोपाध्याय, आईआईटी दिल्ली के पूर्व बीटेक छात्र यति गुप्ता, दिल्ली एम्स के कुछ डॉक्टर भी शामिल हैं। प्रोफेसर सम्राट मुखोपाध्याय ने बताया कि इसे फेबियोसिस इनोवेशन स्टार्टअप ने तैयार किया है।

कपड़े पर की गई है केमिकल की कोटिंग

  • बैक्टीरिया से टेस्टिंग में पाया गया कि यह कपड़ा 99.99 प्रतिशत बैक्टीरिया को मार देता है। इसकी खूबी यह है कि 30 बार धोने पर भी बैक्टीरिया इंफेक्शन प्रूफ फेब्रिक काम रहता है।
  • कपड़े पर कोटिंग पैडिंग मैंगल इंन्स्ट्रूमेंट से केमिकल की कोटिंग की गई है। इस प्रक्रिया में दो रोलर से कपड़ा जाता है। फिर कैमिकल मेंडुबाया जाता है। इसके बाद यह कपड़ा फिर दो रोलर से गुजरता है। यहां कपड़े पर जरूरत से ज्यादा लगा कैमिकल प्रेशर से निकाल दिया जाताहै।
  • टीम के मुताबिक हमने टेस्टिंग में दो प्रकार के कपड़े इस्तेमाल किए हैं। वह है- काटन और कॉटन पॉलिएस्टर ब्लैंड। इस पर हम लोग साढ़ेतीन साल से काम कर रहे हैं। इस इनोवेशन का पेटेंट हो चुका है।

मैन्युफैक्चरिंगका ट्रायल जारी

यति गुप्ता के मुताबिक, हम इसे दिल्ली एनसीआर रीजन में बड़े स्केल पर मैन्युफैक्चरिंग कराने का ट्रायल कर रहे हैं। एम्स के साथ मिलकर यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसके अलावा कुछ बड़े हॉस्पिटल के साथ मिलकर ट्रायल कराने की कोशिश कर रहे हैं। प्रोजेक्ट की फंडिंग एचआरडी मिनिस्ट्री और साइंस-टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ने की है।



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IIT-Delhi Develops Infection-Proof Fabric To Prevent Hospital-Acquired Infections Read more at: https://www.bloombergquint.com/coronavirus-outbreak/iit-delhi-develops-infection-proof-fabric-to-prevent-hospital-acquired-infections


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चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस ने पूरे देश में कोहराम मचा रखा है। इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लोगों को बाहर निकलने से मना किया जा रहा है। ऐसे में कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से काम यानी वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे रहे हैं।

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सेल्फ आइसोलेशन के बीच प्रियंका चोपड़ा पति निक जोनास के साथ क्वालिटी टाइम बिता रही हैं। इंस्टाग्राम पर शेयर की पोस्ट में वो पति की गोद में सिर रखकर सोती नजर आ रही हैं।

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ऋचा चड्ढा (Richa Chadha) ने ट्वीट किया:  "वायरस से मौत को रोकने के लिए लोगों को पीटने के...

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खतरनाक कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पीएम मोदी (PM Modi)...

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कमाल आर खान (Kamaal R Khan) ने ट्वीट किया: "पीएम मोदी जी ने  21 दिनों के लॉकडाउन (Lockdown) से...

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हनी सिंह (Honey Singh) ने आगे कहा, "और मुझे कभी भी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि मैं इससे बाहर...

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कोरोनावायरस (Coronavirus) को लेकर लगभग सभी बॉलीवुड कलाकार सोशल मीडिया पर एक्टिव नजर...

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एक रिपोर्ट यह आई है कि लोगों में हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए तो कोरोना का मुकाबला करने में यह महत्वपूर्ण साबित होगा। 

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भारत में थॉयराइड की बीमारी से काफी लोग जूझ रहे हैं। महिलाएं खासतौर पर इस बीमारी की ज्यादा शिकार होती हैं।

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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javdekar) ने लोगों की मांग को देखते हुए डीडी...

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ई-सिगरेट पीने वालों को भी कैंसर हो सकता है। वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक शोध में पाया है कि ई-सिगरेट पीने वालों को मूत्राशय का कैंसर हो सकता है।

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कोरोनावायरस (Coronavirus) के कारण जहां पूरा देश लॉकडाउन (Lockdown) है. वहीं, बड़े शहरों में...

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कोरोनावायरस (Coronavirus) के संकट से जहां लगातार भारत जूझ रहा है, वहीं, बॉलीवुड...

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भारत सहित दुनियाभर में कोरोनावायरस (Coronavirus) ने दहशत फैला दी है. इस माहामारी से...

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नोरा फतेही (Nora Fatehi) ने फिर से एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो एक बच्ची को...

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हेल्थ डेस्क. इटली से भारत आए 14 में से 13 पर्यटकों को ठीक कर लिया गया है। अब उनकी हालिया जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। सभी पर्यटक गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में 4 मार्च को भर्ती किए गए थे। सोमवार को 14 में से 11 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। दो को अभी भी डॉक्टरों की तरफ से क्लीनचिट मिलनी बाकी और एक अन्य पर्यटक की हालत नाजुक है। उसकी उम्र 70 साल है। द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, मेदांता ने इन पर्यटकों को ठीक करने के लिए पैरासिटामॉल, क्लोक्वीन और गूगल ट्रांसलेटर का इस्तेमाल किया है।

कब-कब क्या हुआ

मार्च के पहले हफ्ते में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ नरेश त्रेहान ने आपातकालीन बैठक की। क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ यतिन मेहता और संक्रमण रोगों की विशेषज्ञ डॉ सुशीला कटारिया को इटली से भारत आए पर्यटकों का इलाज करने को कहा गया। डॉ कटारिया और डॉ मेहता ने इलाज की योजना बनाई। योजना में यह बात भी शामिल थी कि उनसे कैसे बात करनी है क्योंकि पर्यटकों की भाषा अलग थी।

पर्यटक अंग्रेजी भाषा नहीं जानते थे

पर्यटकों को पहले हॉस्पिटल के क्वारेंटाइन फ्लोर पर लाया गया और दूसरे स्टाफ से कोई कनेक्शन नहीं रखा गया। डॉक्टरों की एक टीम ने इलाज शुरू किया। इस बीच डब्ल्यूएचओ ने काेविड-19 को महामारी घोषित किया। इसमें ऐसे मरीज थे जिनकी उम्र 65 साल से अधिक थी और अंग्रेजी नहीं जानते थे। इसके लिए गूगल ट्रांसलेटर और वॉटसऐप का सहारा लिया गया।

एंटी वायरल और एंटीबायोटिक से हुआ इलाज

डॉ कटारिया के मुताबिक, पहले सप्ताह में 50 फीसदी पर्यटकों में लक्षण नहीं दिखाई दे रहे थे। धीरे-धीरे लक्षण दिखने शुरू हुए। 14 में से 8 को पैरासिटामॉल, कफ सिरप और विटामिन टेबलेट दी गईं। तीन की हालत बिगड़ रही थी और 3 अन्य तीन गंभीर स्थिति में जा चुके थे। जिन 3 की हालत बिगड़ रही थी उन्हें एंटी वायरलड्रग लोपिनविर, एंटीबायोटिक एरिथ्रोमायसिन और एंटी-मलेरियल ड्रग क्लोरोक्वीन दी गईं। 3 अधिक मरीज को एक्टेमेरा ड्रग दी गई।

आर्थराइटिस के मरीजों की दवा भी इस्तेमाल हुई

एक्टेमेरा ड्रग रुमेटॉयड आर्थराइटिस के मरीजों को दी जाती है। यह जोड़ों में सूजन को दूर करने का काम करती है। चीन में एक रिसर्च के दौरान कोरोना के 95 फीसदी अति गंभीर मरीजों को इस दवा ठीक किया गया है। पर्यटकों का इलाज शुरू करने से पहले उनकी फैमिली से अनुमति ली गई और इटेलियन एम्बेसी को इलाज से जुड़ी हर अपडेट समय-समय पर भेजी गईं।



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Gurugram Coronavirus News; Gurugram Coronavirus Medanta Super Speciality Hospital Updates On Italian Tourists; All you Need To Know


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