लाइफस्टाइल डेस्क. सोशल मीडिया पर अपनी आकर्षक फोटो पोस्ट करने के लिए लोग दुनियाभर में ट्रैवल कर रहे हैं और इस पर जमकर खर्च भी कर रहें है। वर्ष 2011 में आई बॉलीवुड फिल्म जिंदगी न मिलेगी दोबारा में दिखाया गया था कि तीन युवा अपनी-अपनी पसंद की जगह घूमने निकलते हैं। उनका फलसफा है कि उनके पास जो पल हैं उनमें पूरा इंजॉय किया जाए। आज का नौजवान भी इसी फसलफे को ध्यान में रखकर जी रहा है और अपनी लाइफस्टाइल पर खुलकर खर्च कर रहा है। इसके लिए वह ट्रैवल लोन लेने में भी पीछे नहीं हैं। अब सिर्फ जरूरतों के लिए नहीं बल्कि ट्रैवल के लिए भी लोन की लोकप्रियता युवाओं में बढ़ गई है। ट्रैवल लोन के साथ पेश किए जाने वाले ऑफर्स के चलते लोगों के बीच इसकी जागरुकता भी बढ़ रही है। इसकी डिमांड को देखते हुए आजकल आसानी से ट्रैवल लोन मिल जाता है। ट्रैवल लोन की एप्लीकेशन बिना किसी दिक्कत के जल्दी प्रोसेस हो जाती है। हाल ही में डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म इंडिया लेंड्स ने रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह बात सामने आई कि भारत में घूमने के लिए युवा सबसे अधिक लोन लेते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, घूमने के मकसद से लिए गए लोन में 55 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। सर्वे में यह बात निकल कर सामने आई कि 85 फीसदी भारतीय युवा अपने घूमने-फिरने का सपना लोन लेकर पूरा कर रहे हैं। इन लोगों ने 30,000 से लेकर 2.5 लाख रुपए तक का लोन घूमने-फिरने के लिए ही लिया है।
-
इंडिया लेंड्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लोन लेने वाले अमूमन उन देशों में जाना पसंद करते हैं जो वीजा ऑन अराइवल की सुविधा देते हैं। इसका कारण यह है कि ज्यादातर युवा अंतिम समय में हॉलीडे के लिए लोन लेते हैं। वीजा ऑन अराइवल की सुविधा देने वालों में देशों में थाईलैंड, श्रीलंका, इंडोनेशिया, नेपाल, मालदीव और भूटान प्रमुख हैं। इसके अलावा लोग सस्ते हॉलीडे डेस्टिनेशन के लिए भी लोन लेते हैं। यूरोप, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी युवाओं में लक्जरी हॉलीडे मनाने के लिए लोकप्रिय हैं। जानकारी के मुताबिक, इस तरह के लोन में कर्ज की रकम आमतौर पर आवेदन के 24 से 36 घंटों के बाद जारी कर दी जाती है और छुट्टियों के दौरान खर्च होने वाली सभी चीजें उसमें कवर होती हैं।
-
थॉमस कुक इंडिया के अनुसार, पिछले साल 25 से 35 वर्ष के युवाओं द्वारा घूमने के लिए ट्रैवल लोन की मांग में 50 से 60 फीसदी की वृद्धि हुई। रिपोर्ट के अनुसार, छोटे शहरों में मांग बढ़ने और भारत के बचत करने वाली अर्थव्यवस्था से खर्च करने वाली अर्थव्यवस्था बनने सहित कई अन्य पहलुओं के कारण लाने की मांग में यह तेजी दर्ज की गई। रिपोर्ट के अनुसार, घूमने के लिए नए यात्रियों की संख्या मेट्रो से कहीं तेजी से छोटे शहरों में बढ़ी है। मेट्रो शहरों में शामिल मुंबई, नई दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई में नए घमूने वालों की संख्या करीब 20 फीसदी का इजाफा पिछले साल आया। वहीं टियर टू और थ्री शहरों में शामिल अमृतसर, करनाल, गुवाहाटी, रांची, औरंगाबाद, विशाखापत्तनम, हुबली, उदयपुर और विजयवाड़ा में 30 फीसदी का उछाल देखने को मिला है।
-
ट्रैवल लोन एक तरीके का पर्सनल लोन ही है, जिसमें ट्रैवलिंग खर्चों के लिए बैंक या फाइनेंस कंपनियां आपको लोन के रूप में पैसे देती हैं। बैंक और वित्तीय कंपनियों की तरफ से नए-नए प्रोडक्ट बाजार में उतारे जाते हैं, जिनका बहुत से लोग फायदा उठा रहे हैं। अग आप ट्रैवल लोन लेना चाहते हैं तो इसके लिए खुद ही प्लान बनाएं। इस प्लान में जहां जाना चाहते हैं, वहां आने-जाने का खर्च जोड़ें। इसके बाद नेट पर अपनी जरूरत के हिसाब का होटल या अन्य जगह रुकने के लिए पसंद करें। इसका एक रफ इस्टीमेट बना लें। इसके बाद इस बजट में वहां पर खाने पीने के अलावा जरूरी शॉपिंग के खर्च भी जोड़ लें। इतना करने के बाद आपको अंदाजा हो जाएगा कि इस ट्रिप के लिए आपको कितने रुपयों की जरूरत पड़ेगी और आपके पास कितने रुपए हैं। ऐसे में आपको जितने रुपए इस टूर में कम पड़ रहे हैं उनके लिए ट्रैवल लोन का सहारा ले सकते हैं। इसके लिए आप इंटरनेट की मदद से कम ब्याज दर, जल्दी और आसनी से लोन देने वाले बैंक या फाइनेंस कंपनियों को चेक कर सकते हैं। इस तरह के लोन की ईएमआई भी युवाओं की जेब के हिसाब से आसान होती है।
-
फेस्टिवल टूरिजम का एक नया ट्रेंड इन दिनों तेजी से उभरकर सामने आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में दिवाली के मौके पर जहां बुकिंग 9 फीसदी थी, वहीं 2018 में यह 9.5 फीसदी हो गई। वर्ल्ड ट्रैवल एंड टिरिज्म काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल के मुकाबले इस साल दिवाली के मौके पर ज्यादा लोगों के अपने शहर से बाहर घूमने जाने के चांस हैं। ट्रेन और फ्लाइट की रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल यह आंकड़ेदिवाली आने तक 11 फीसदी थे और इस साल यह आंकड़ा आसानी से पार हो जाएगा। आमतौर पर पहले लोग गर्मियों और सर्दी की छुट्टियों में बाहर घूमने जाते थे, लेकिन अब वह कॉन्सेप्ट खत्म हो चुका है। अब लोग साल में तीन से चार बार बाहर घूमने जाते हैं, छोटी-छोटी छुट्टियों पर। त्योहारों पर भी अब लोग घर पर नहीं रहते, घूमने निकल जाते हैं। बुकिंग आंकड़ों पर नजर डालें, तो हर साल घूमने वालों की संख्या में 2 से 3 फीसदी का इजाफा होता है। फेस्टिवल टूरिज्म के इस नए ट्रेंड के पीछे आसानी से उपलब्ध ट्रैवल लोन को भी मुख्य कारण माना जा रहा है।
-
ट्रैवल कंपनियों के मुताबिक, फेस्टिवल टूरिज्म करने वालों में कपल ट्रैवलर्स की तादाद ज्यादा है। एक ट्रैवल कंपनी एक्सप्लोर के मुताबिक, फेस्टिवल टूरिजम में 28 फीसदी यात्री कपल ट्रैवलर्स होते हैं। इनके इंटरनेशनल हॉट डेस्टिनेशन्स हैं सिंगापुर, मलेशिया और दुबई, तो इंडिया में गोवा, अंडमान, निकोबार, नैनीताल और मनाली जैसी जगहों पर घूमने जाना ज्यादा कपल्स पसंद करते हैं। यही नहीं, घूमने जाने की प्लानिंग भी कपल्स 70 से 80 दिन पहले ही करने लगे हैं। मिलता है त्योहार का माहौल एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल होली और दिवाली पर लोगों ने घूमने के उद्देश्य से काफी बुकिंग की। खासतौर पर दिवाली पर बुकिंग करने वालों की तादाद होली से कई गुना ज्यादा थी। ट्रैवल सर्च इंजन के मुताबिक, फेस्टिवल टूरिज्म में बुकिंग तो हो ही रही है, डिमांड भी कई तरह की है। इसलिए हम अब टूरिस्ट को दूसरे पैकेज के साथ वहां त्योहार मनाने का माहौल भी देने लगे हैं। इसके लिए कई तरह के पैकेज निकाले जाते हैं, जिसमें आप अपनी फैमिली के साथ किसी शांत या खूबसूरत जगह पर त्योहार एंजॉय कर सकते हैं। यह मनोरंजन के साथ धार्मिक महत्व से भी जोड़ता है।
-
ट्रैवल एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस ट्रेंड के पीछे एक बड़ा कारण है कि लोग ट्रैवल पर खर्च करने से कतराते नहीं। पिछले साल तक लोग घूमने जाने पर अमूनन 60 हजार रुपए तक खर्च करते थे, अब 1 लाख तक खर्च करने को तैयार हैं। पिछले साल के मुकाबले, अब 20 फीसदी ज्यादा खर्च करने से नहीं कतरा रहे हैं।
0 comments:
Post a Comment