ऐसे कई एक्टर रहे हैं जो ग्लैमर की दुनिया में आने से पहले छोटे-मोटे काम करते थे. कुछ ने बस कंडक्टर और वेटर के रूप में काम किया दूसरों ने शेफ के रूप में काम किया, गुजारा चलाने के लिए बच्चों को पढ़ाया. हालांकि वे बाद में रजनीकांत, अक्षय कुमार जैसे सुपरस्टार निकले. आज हम आपको एक ऐसे ही एक्टर से मिलवाने वाल हैं जो कभी एसी मैकेनिक का काम करता था बाद में सुपरस्टार बन गया. हम जिस एक्टर की बात कर रहे हैं उन्होंने ना सिर्फ बॉलीवुड में बल्कि हॉलीवुड में भी अपने एक्टिंग से छाप छोड़ी है. एक समय वह बच्चों को पढ़ाने के लिए हर छात्र से केवल 25 रुपये कमाते थे. हालांकि बाद में उन्होंने 1000 करोड़ रुपये की कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं. वह कोई और नहीं बल्कि इरफान खान हैं.
अपनी दमदार एक्टिंग से दर्शकों का मनोरंजन करने से पहले इरफान खान एसी मैकेनिक के तौर पर काम करते थे. इरफान खान का जन्म 7 जनवरी 1967 को टोंक, राजस्थान में एक पठान वंश के मुस्लिम परिवार में हुआ था. उन्हें अपने मामा की वजह से एक्टिंग में दिलचस्पी हुई. वे जोधपुर में एक थिएटर कलाकार थे. जयपुर में एमए पूरा करने के बाद इरफान ने एक्टिंग की पढ़ाई करने के लिए एनएसडी में एडमिशन लिया.
उन्होंने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि जब वह जयपुर में थे तब वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे और हर बच्चे से 25 रुपये लेते थे. जब वह मुंबई आए तो उन्होंने एयर कंडीशनर मैकेनिक की नौकरी की और अपने एक्टिंग इंस्पिरेशन राजेश खन्ना के घर गए और देखते ही रह गए. इरफान ने मीरा नायर की सलाम बॉम्बे से डेब्यू किया! जहां उन्हें एक छोटा सा रोल ऑफर किया गया था. हालांकि लास्ट एडिट में उनके सीन काट कर कम कर दिए गए. इसके बाद उन्होंने टेलीविजन की ओर रुख किया और दूरदर्शन पर कहकशां, चाणक्य, भारत एक खोज, सारा जहां हमारा, बनेगी अपनी बात, चंद्रकांता, श्रीकांत, अणुगूंज जैसे कई शो में काम किया. उनकी पहली बॉलीवुड लीड रोल वाली फिल्म 2005 में रोग था. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
वह बॉक्स ऑफिस पर हिट द नेमसेक और लाइफ इन ए... मेट्रो में दिखाई दिए और फिर हॉलीवुड में भी अपना नाम बनाया. अपने करियर के दौरान इरफान ने स्लमडॉग मिलियनेयर जैसी कई हॉलीवुड ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया. इसने बॉक्स ऑफिस पर 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की. जुरासिक वर्ल्ड, द अमेजिंग स्पाइडरमैन और लाइफ ऑफ पाई, इन सभी ने बॉक्स ऑफिस पर 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की. ना केवल हॉलीवुड में, उन्होंने बॉलीवुड में हिंदी मीडियम, द लंचबॉक्स, पीकू, अंग्रेजी मीडियम जैसी कई हिट और ब्लॉकबस्टर फिल्मों में भी काम किया. उन्होंने अपनी बायोपिक पर बेस्ड फिल्म पान सिंह तोमर के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी जीता.
हालांकि एक्टर ने न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर के कारण होने वाले कोलन संक्रमण से पीड़ित होने के बाद 53 साल की उम्र में 2020 में दुनिया छोड़ दी. लेकिन उन्हें वो भारतीय सिनेमा के सबसे बेहतरीन एक्टर्स में से एक के रूप में याद किया जाता है. उनके बेटे बाबिल खान भी अपने पिता की राह पर चल पड़े हैं और बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने में जुट गए हैं.
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