अब जब लोग अधिकतर समय घर पर ही रहते हैं तो घर की साफ-सफाई बेहद जरूरी हो गई है। त्योहार के मौसम में घरों की सफाई हो रही है। घर की सफाई करते हुए बेहद जरूरी है बेडशीट्स की सफाई और सैनिटाइजेशन।
रोज वैक्यूम क्लीन होनी चाहिए
डेड स्किन, धूल वगैरह से एलर्जी नहीं है तो भी बेडशीट को रोजाना बकायदा वैक्यूम करना चाहिए। इस तरह एलर्जी के विकसित होने से बच सकते हैं। वैक्यूम क्लीनर नहीं हो तो मोटे ब्रिसल वाले डस्टिंग ब्रश का इस्तेमाल कर सकते हैं।
वीकली वॉश
बेड पर कई प्रकार के बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। एक हफ्ते में तो ये जर्म्स का प्लेग्राउंड बन जाता है। असरादर डीप-क्लीनिंग के लिए बेडशीट को हाथ से न धोकर वॉशिंग मशीन का उपयोग करें। इसमें ज्यादा डिटर्जेंट नहीं लगेगा।
डायरेक्ट ब्लीच न करें
हालांकि ब्लीच असरदार डिसइंफेक्टेंट है पर इसे डायरेक्ट इस्तेमाल करने से ज्यादातर बेडशीट्स खराब हो जाती हैं, खासकर डार्क और प्रिंटेड बेडशीट्स। ब्लीच को केवल सफेद शीट्स के लिए इस्तेमाल करें। केमिकल इस्तेमाल करने से पहले बेडशीट के वॉशिंग इंस्ट्रक्शन को ध्यान से पढ़ लें।
डिसइंफेक्टेंट
लोग हर्बल डिसइंफेक्टेंट चुन रहे हैं। टी-ट्री ऑइल जैसे ऑइल बेस्ड डिसइंफेक्टेंट , फिनॉइल बेस्ड डिसइंफेक्टेंट फैब्रिक क्लीनर के साथ इस्तेमाल किए जा सकते हैं। गुनगुने पानी में इन्हें डालकर शीट्स को सैनिटाइज किया जा सकता है। डिसइंफेक्टेंट को डाइल्यूट करके ही इस्तेमाल करना चाहिए।
ड्रायर
वॉशिंग के बाद ड्रायर की गर्मी से बेडशीट्स पर मौजूद थोड़े-बहुत जर्म्स भी मर जाते हैं। ड्रायर नहीं है तो धूप में भी शीट सुखा सकते हैं। घर के अंदर बेडशीट्स को नहीं सुखाना चाहिए।
स्टीम आयरन
शीट्स को स्टीम आयरन करने से वो दोबारा से सैनिटाइज हो जाती हैं। पानी का तापमान फैब्रिक को सैनिटाइज कर क्रिस्प और रेडी टू यूज के लायक बना देता है।
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