ब्रिटेन की 12 सप्ताह की गर्भवती महिला के शरीर में दो गर्भाशय का पता चला है। दोनों गर्भाशय में दो-दो बच्चे हैं। 28 वर्षीय केली फेयरहर्स्ट को यह तब पता चला, जब वह सोनोग्राफी के लिए डॉक्टर के पास गई थी। डॉक्टरों के मुताबिक, 5 करोड़ में से 1 महिला के हर गर्भाशय में जुड़वा बच्चे होते हैं। ये ट्विन्स एक जैसे हो सकते हैं। महिला को दो बार प्रसव पीड़ा से भी गुजरना पड़ सकता है। केली की पहले से दो बेटियां हैं, एक की उम्र तीन और दूसरी चार साल की है।
शायद विरासत में मिला जीन
केली कहती हैं कि डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चे की प्री-मैच्योर डिलीवरी हो सकती है। इससे पहले मेरी एक बेटी 8 हफ्ते और दूसरी की 6 हफ्ते पहले ही प्री-मैच्योर डिलीवरी हुई थी। अब हमारे परिवार में दो जुड़वा बच्चे होंगे। मेरे नाना भी ट्रिपलेट थे यानी उनके जीन जुड़ावा भाई-बहन थे। मैंने कभी नहीं सोचा था मेरे पास दो कोख होंगी।
कब बनती हैं शरीर में दो कोख
लंदन के सेंट जॉर्ज हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ प्रो. असमा खलील के मुताबिक, दोहरी कोख की स्थिति को यूट्रस डाईडेल्फिस कहते हैं। यह एबनॉर्मेलिटी जन्मजात होती है। ऐसी महिलाओं में दो कोख होती हैं, कई बार दो वैजाइना भी हो सकती हैं। ऐसे मामले दुर्लभ होते हैं। ये कॉम्प्लिकेशन पैदा कर सकते हैं। ऐसा ही दो मामले सामने आए थे जब एक महिला ने 25वें हफ्ते में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया, वहीं दूसरे मामले में डिलीवरी काफी लेट हुई थी।
डबल यूट्रस की स्थिति तब बनती है जब महिला में यूट्रस दो छोटी-छोटी ट्यूब में बंट जाता है। दोनों ही ट्यूब अंदर से खोखली होती हैं। कई बार ये जुड़ी हुई भी हो सकती हैं। दोनों ही ट्यूब सर्विक्स से जुड़ी रहती हैं। यूट्रस के औसत आकार के मुकाबले ये दो गर्भाशय थोड़े छोटे होते हैं। ऐसी स्थिति क्यों बनती हैं इसका अब पता नहीं चला सका है। इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है।
गर्भपात का बड़ा खतरा
ऐसी महिलाओ में गर्भपात और प्री-मैच्योर डिलीवरी होने की आशंका अधिक रहती है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक ब्लीडिंग होने का भी खतरा रहता है। ऐसी स्थिति में सिजेरियन डिलीवरी कराई जाती है ताकि जान के जोखिम को कम किया जा सके।
डबल यूट्रसवाली स्थिति की पहचान
ज्यादातर महिलाओं को इस बारे में जानकारी नहीं होती है। लेकिन कुछ लक्षण अगर महसूस होते हैं तो डबल यूट्रस की आशंका रहती है। जैसे अगर महिला को बार-बार गर्भपात हो रहा है, अक्सर ब्लीडिंग होती है, पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक दर्द रहता है तो स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। विशेषज्ञ कुछ जांचों जैसे पेल्विक टेस्ट, गर्भाशय का एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और एमआरआई की मदद से पता लगाते हैं।
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