धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया (हेल्थ डेस्क). देशभर में मोदी सरकार द्वारा 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध की चर्चा है। देश में वर्तमान में करीब 23 राज्यों ने अपने स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध की घोषणाएं की हैं। जिसके कारण प्लास्टिक का उपयोग घट रहा है।
इंडस्ट्री चैम्बर एसोचैम और ईवाय की हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल मांग का करीब 45 फीसदी यानी करीब 90 लाख टन प्लास्टिक का तुरंत उपयोग करके हम फेंक देते हैं। इसमें बोतल, स्ट्रॉ, गिलास, गुटखा पाउच, पन्नी, कटलरी आदि शामिल हैं।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की स्वाति सिंह साम्याल कहती हैं कि हमारे सर्वे में यह सामने आया है कि बड़े नगरीय निकायों में इकट्ठा होने वाले कचरे में 15-20% तक प्लास्टिक होता है।
बेहतर कचरा प्रबंधन न होने के कारण समस्या और बढ़ गई है। हमारे यहां कचरे को अलग-अलग रखना आरंभिक चरणों में है और अभी गीला-सूखा और अन्य कचरा ही अलग नहीं हो पा रहा है, इसलिए भी दिक्कतें हैं। रीसाइकिलिंग बढ़ानी होगी। वेस्ट मैनेजमेंट क्षेत्र में कार्य करने वाले साहस की सीईओ दिव्या तिवारी कहती हैं कि केंद्र सरकार ने अभी तक किन आयटम को बैन किया है, यह सामने नहीं आया है।
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1. देश में अभी कितना प्लास्टिक कचरा निकल रहा है?
भारत में प्रतिदिन 25 हजार मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा निकल रहा है। इसमें से 94% हिस्सा ऐसे प्लास्टिक का होता है जो रीसाइकिल हो सकता है, लेकिन इसमें 40% प्लास्टिक ड्रेनेज और नदियों को चोक कर देता है।
2. तो इससे परेशानी क्या है?
फिक्की के अनुसार वर्ष 2021 तक प्रति वर्ष 110 मिलियन टन और 2041 तक 200 मिलियन टन कचरा निकलने का अनुमान है। सीएसई की प्रोग्राम मैनेजर स्वाति सिंह कहती हैं कि एक अनुमान के मुताबिक देश में हर गाय के पेट में 30 किलो प्लास्टिक है। कछुए व मछलियां भी इससे परेशान हैं।
3. क्या इससे सिर्फ जानवर परेशान हैं?
नहीं इंसान खुद भी इस खतरे से बच नहीं पाया है। जर्नल इन्वॉयरमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने 26 अध्ययनों के डेटा के आधार पर बताया है कि इंसान हर साल प्लास्टिक के करीब 50 हजार पार्टिकल खा जाता है।
4. क्या हम प्लास्टिक का इस्तेमाल बहुत ज्यादा कर रहे हैं?
हां, बिल्कुल। यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल; कंटेनर रिसायक्लिंग इंस्टिट्यूट के अनुसार दुनियाभर में हर मिनट 10 लाख प्लास्टिक बॉटल बिकती हैं। दुनिया में आज तक जितना प्लास्टिक बना है, उसका करीब आधा प्लास्टिक हमने पिछले करीब 20 साल में बना लिया है। हर साल दुनियाभर में 500 अरब प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल होता है।
5. सिंगल यूज प्लास्टिक का क्या?
ये बेहद खतरनाक चीज है। केरल में प्रतिदिन 33 लाख प्लास्टिक स्ट्रॉ का इस्तेमाल होता है। अकेले अमेरिका में प्रतिदिन 85 लाख प्लास्टिक स्ट्रॉ का इस्तेमाल हो रहा था। अब कंपनियां इसे खत्म कर रही हैं। भारत में प्लास्टिक के ईयर बड की इंडस्ट्री ही 50 करोड़ रु. की हो गई है।
6. हम ज्यादा चिंता क्यों करें?
नेशनल जियोग्राफिक के अनुसार दुनिया में बन रहे कुल प्लास्टिक में आधा उत्पादन एशिया में ही हो रहा है। इसमें सर्वाधिक हिस्सेदारी चीन की है। चीन 29 फीसदी प्लास्टिक का उत्पादन करता है। ईवाय की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वर्ष 2017 में प्रति व्यक्ति औसतन 11 किलो प्लास्टिक की खपत होने का अनुमान था।
7. दुनिया की क्या स्थिति है? वर्ल्डइकॉनामिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) केअनुसार दुनियाभर में प्लास्टिक का उपयोग 8.3 अरब टन पहुंच चुका है। यह आठ लाख एफिल टॉवर बनानेकेबराबर है। करीब 90 फीसदी प्लास्टिक कचरा समुद्र मेंपहुंचता है। वर्ष 2014 से विश्व केकरीब 50 देशों नेइसके उपयोग को कम करनेके लिए कदम उठाए हैं।
सिंगल यूज प्लास्टिक बैन का नौकरियों पर क्या असर पड़ेगा?
प्लास्टिक उद्योग से जुड़े कारोबारियों केअनुसार देश मेंकरीब 50 हजार प्लास्टिक संंबंधित निर्माण कंपनियां हैं जिसमेंसे90 फीसदी छोटी यूनिट्स (एमएसएमई) हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन अमल में आता हैतो करीब 7 से10 हजार प्लास्टिक निर्माण इकाइयों पर असर पड़ेगा। साथ ही चार सेपांच लाख लोगों को रोजगार सेहाथ धोना पड़ेगा।
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