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Monday, November 25, 2019

भारत में दवाइयां दुनिया के औसत दाम से 73% सस्ती, ब्रिक्स देशों में सबसे कम; अमेरिका में कीमतें सबसे ज्यादा

नई दिल्ली.भारत में लोगों को दवाइयों पर दुनिया के औसत से करीब 73% तक कम खर्च करना पड़ता है। एक स्टडी के मुताबिक, भारत सस्ती दवाएं मुहैया कराने के मामले में दुनिया के 5 टॉप देशों में शामिल है। जहां भारत में दुनिया के औसत से 73.82% तक सस्ती दवाएं मिलती हैं, वहीं थाईलैंड में दवाएं वैश्विक औसत से करीब 93.93% सस्ती पड़ती हैं। यह कीमतें दुनिया में सबसे कम हैं। इसके बाद केन्या (93.76%) दूसरे, मलेशिया (90.80%) तीसरे और इंडोनेशिया (90.23%) चौथे नंबर पर है। ब्रिक्स में साथी देशों (ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के मुकाबले भी भारत में दवाएं सबसे सस्ती हैं।

इंग्लैंड के लंदन और जर्मनी के बर्लिन आधारित हेल्थकेयर कंपनी मेडबेल ने अध्ययन के लिए 50 देशों में सभी अहम दवाइयों के दामों की तुलना की। इनमें हाई-कोलेस्ट्रोल के लिए इस्तेमाल होने वाली लिपिटोर दवा से लेकर बैक्टेरियल इन्फेक्शन में काम आने वाली जिथ्रोमैक्स और एचआईवी-एड्स में दी जाने वाइरीड शामिल हैं। मेडबेल ने तुलना के लिए 13 फार्मास्यूटिकल कंपाउंड्स की कीमतों का विश्लेषण किया।

सरकारी हेल्थकेयर की तरफ से मुहैया दवाएं भी सर्वे में शामिल

जिन दवाओं की तुलना की गई है, उनमें ज्यादातर आम लोगों के इस्तेमाल में आने वाली हैं। दिल की परेशानी और अस्थमा के अलावा ब्लड प्रेशर जैसी आम जरूरतों वाली दवाओं को तुलना में रखा गया है। इसमें सरकारी हेल्थकेयर सिस्टम में शामिल दवाओं के साथ उन दवाओं को भी रखा गया, जिनके लिए लोगों को अपनी जेब से रकम खर्च करनी पड़ती है। सर्वे में अलग-अलग देशों में ब्रांड कंपाउंड और उसके जेनेरिक वर्जन दवा को सामान्य डोज के हिसाब से कुल औसत में बदला गया, ताकि उनकी क्वालिटी में फर्क न आए।

भारत में कौन सी दवा कितनी सस्ती
भारत में दिल और हाई कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी दवाइयां वैश्विक औसत से करीब 84.82% सस्ती हैं, जबकि अमेरिका में यह दवाएं 2175% तक महंगी हैं। एंग्जाइटी डिसऑर्डर की दवाएं भारत में 91.13% तक कम दाम में उपलब्ध हैं। अमेरिका में इनकी कीमत 1071% ज्यादा है। भारत में कुछ दवाओं के दाम वैश्विक औसत से ज्यादा भी हैं। बैक्टेरियल इन्फेक्शन की दवाएं भारत में सबसे सस्ती हैं (औसत से 88.46% कम)। वहीं अमेरिका में इनकी कीमत 1755% ज्यादा है।

हालांकि, भारत में एचआईवी-एड्स (162.87%), डायबिटीज (6.62%) और ब्लड प्रेशर (31.37%) जैसी दवाओं के दाम वैश्विक औसत से काफी ऊपर हैं। इन दवाइयों के दाम भी अमेरिका में सबसे ज्यादा हैं।

दवा फार्मास्यूटिकल कंपाउंड किस समस्या के लिए औसत दाम में फर्क
भारत अमेरिका
लिरिका प्रेगाबेलिन एपिलेप्सी - 91.13 1071.17
लिपिटोर एटोरवास्टेटिन हाई कोलेस्ट्रॉल - 84.82 2175.83
वेंटोलिन सालब्यूटामोल अस्थमा - 64.76 1191.01
जिथ्रोमैक्स अजिथ्रोमाइसिन बैक्टेरियल इन्फेक्शन - 88.46 1755.25
लांटस इंसुलिन ग्लार्गाइन डायबिटीज टाइप 1 और 2 6.62 557.86
प्रोग्रैफ टैक्रोलिमस प्रतिरक्षा रोधी - 87.46 86.45
यास्मिन ड्रोसपिरेनोन फीमेल कॉन्ट्रासेप्शन - 54.94 785.99
प्रोजैक फ्लोक्जेटाइन डिप्रेशन/ओसीडी - 84.43 2124.89
जैनेक्स अल्प्राजोलम पैनिक डिसऑर्डर - 73.21 2568.75
जेस्ट्रिल लिसिनोप्रिल हाई ब्लड प्रेशर 31.37 2682.56
टेनोवोफिर वाइरीड हैपटाइटस बी/ एचआईवी-एड्स 162.87 217.02
हुमिरा अदालिमुमाब त्वचा की बीमारी - 74.20 482.91
ब्रांडेड ड्रग्स -- -- - 87.41 421.74
जेनेरिक ड्रग्स -- -- - 91.45 97.41


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Medicines in India are 73% cheaper than the average worldwide price, the lowest among BRICS countries; Highest price in america


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