लाइफस्टाइल डेस्क. जागरूकता कार्यक्रमों और सावधानियों के बावजूद एचआईवी पॉजीटिव आना... किसी भी व्यक्ति और उसके परिवार के लिए सदमे जैसा ही होता है। एड्स सुनते ही लोगों का रवैया अक्सर बदल जाता है। शारीरिक तकलीफें तो होती ही हैं, मानसिक तकलीफें उससे भी ज्यादा। एक दिसंबर एड्स दिवस के अवसर पर हमने ढूंढी, शहर के कुछ ऐसे परिवारों की कहानियां, जहां यह वायरस भी रिश्तों में दरार न डाल सका।
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Saturday, November 30, 2019
एचआईवी पॉजिटिव लोगों ने साझा की अपने संघर्ष की सच्ची कहानियां
Surya
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