+10 344 123 64 77

Sunday, January 16, 2022

ये मैं हूं:रेल दुर्घटना में दोनों हाथ गंवाए, पर जीने की आस नहीं छोड़ी, पैर से लिखना शुरू किया तो दुनिया ने सराहा



from
via IFTTT

0 comments:

Post a Comment