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Tuesday, December 1, 2020

मजदूर की बेटी श्वेथा पकियम के पास ऑनलाइन NEET कोचिंग के लिए स्मार्टफोन नहीं था, खुद किताबों से पढ़ाई की, अब बीडीएस में हुआ चयन

मेडिकल काउंसिलिंग 2020-2021 के पहले चरण में दैनिक मजदूरी करने वाले पिता की बेटी श्वेता पकियम का चयन हुआ। 18 साल की श्वेथा को एक प्रायवेट मेडिकल कॉलेज में बीडीएस के लिए सीट मिली। श्वेथा ने रामकृष्णपुरम के कार्पोरेशन गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल से 12 वीं कक्षा पास की। उसने बिना किसी कोचिंग के खुद पढ़ाई करके नीट-2020 की परीक्षा दी।

श्वेता को जब यह पता चला कि एडमिशन फीस के तौर पर उसे 55,000 रुपए जमा करना होगा तो वह बहुत परेशान थी। ऐसे में स्कूल टीचर ने उसकी मदद की। श्वेथा के स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि जब हमें यह पता चला कि श्वेथा का डेंटल कॉलेज में सिलेक्शन हो गया है तो उसकी फीस के लिए तत्काल सभी टीचर्स ने मिलकर 46,000 रुपए जमा किए। इसके बाद भी 4000 रुपए कम पड़ रहे थे जिसका प्रबंध श्वेथा के परिवार ने किया।

श्वेथा और उसके परिवार की खुशी का उस वक्त ठिकाना नहीं रहा जब राज्य सरकार ने श्वेता और उसकी तरह अन्य गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने की घोषणा की। श्वेता ने बताया कि उसके पास ऑनलाइन नीट कोचिंग अटैंड करने के लिए स्मार्टफोन नहीं था। इसलिए उसने किताबों से खुद ही पढ़ाई की। उसे पढ़ाई में जब भी कोई दिक्कत होती तो वह अपने टीचर से पूछती थी।



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Laborer's daughter Shwetha Pakiyam did not have a smartphone for online NEET coaching, studied herself with books, now selected in BDS


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