अमेरिकी पीडियाट्रिक्स जर्नल में बेहद चौंकाने वाली रिपोर्ट पब्लिश हुई है। यहां यू-ट्यूब बच्चों को खाने से जुड़े 400 से ज्यादा ऐसे वीडियो दिखा रहा है, जिसमें उनके पसंदीदा शक्कर वाले पेय पदार्थ और जंक फूड के विज्ञापन हैं। इन विज्ञापन को देखकर बच्चे ऐसी चीजें खा रहे हैं जिससे उनमें तेजी से मोटापा बढ़ रहा है।
भारत में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल की क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आरती आनंद का कहना है कि बच्चे स्क्रीन पर जंक फूड वाले वीडियो देखने के बाद पेरेंट्स से खाने-पीने के लिए वही डिमांड करते हैं। बच्चों में यह आदत उम्र बढ़ने के साथ-साथ और तेजी से बढ़ती जाती है।
नामी कम्पनियां बच्चों को बना रहीं निशाना
चौंकाने वाली बात यह भी है कि इन वीडियो में दिखाए जाने वाले 90% विज्ञापन ऐसे हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक माने गए हैं। इनमें कई नामी कंपनियों के प्रोडक्ट और नामी ब्रांड शामिल हैं। इनमें दिखाए जाने वाले मिल्कशेक, फ्रेंच फ्राई, सॉफ्टड्रिंक्स, चीजबर्गर लाखों बच्चों की पसंद बन गए हैं। कोरोनाकाल में जब बच्चों के स्कूल्स बंद हैं और उनका स्क्रीन टाइम बढ़ गया है, तब ये नामी कंपनियां उन्हें अपना निशाना बना रही हैं।
80% पेरेंट्स ने भी माना बच्चे यूट्यूब देख रहे
स्टडी के मुताबिक, 11 साल तक की उम्र के बच्चों के 80% पैरेंट्स ने माना कि उनके बच्चे ज्यादातर यू-ट्यूब देखते हैं जबकि 35% पैरेंट्स ने माना कि उनके बच्चे केवल यू-ट्यूब ही देखते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह विज्ञापन ही नहीं बल्कि सेहत से जुड़ी एक बड़ी चिंता का भी मसला है। पिछले कुछ सालों में बच्चों में मोटापे की समस्या से तेजी से बढ़ी।
2 से 19 साल के अमेरिकी बच्चों में 20 फीसदी बच्चे मोटापे का शिकार हैं। जबकि 1970 के दशक में यह केवल 5.5% था। स्टडी में बताया गया है कि जंक फूड मार्केटिंग और बचपन में मोटापे की बीमारी के बीच बड़ा संबंध है।
सेहत पर खतरा लगातार बढ़ रहा
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ एंड न्यूट्रीशियन की असिस्टेंट प्रोफेसर मैरी ब्रैग ने कहा कि जिस तरह से ये ब्रांडेड प्रोडक्ट बच्चों की जिंदगी में शामिल हो रहे हैं, उससे उनकी सेहत पर खतरा लगातार बढ़ रहा है। वे जितनी कैलोरी ले रहे हैं, उसकी तुलना में बर्न नहीं कर पा रहे।
बच्चे इन विज्ञापनों को देखकर जो खा रहे हैं वह सब हाई फैट, शुगर व सॉल्ट कैटेगरी में आते हैं। हालांकि, ये सामान्य खपत के आइटम हैं। इसलिए ये कैसे सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों को इन विज्ञापनों को देखने से बाहर रखा जाए, यह आने वाले दिनों में एक बड़ा मुद्दा बनेगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3moSRYI
via IFTTT
0 comments:
Post a Comment