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Monday, July 13, 2020

प्रकृति की गोद में बसा एक आकर्षक हिल स्टेशन, यहां कल-कल करते झरने और वादियां सबका का मन मोह लेती हैं

गुलाम फिल्म का गाना आती क्या खंडाला आपने जरूर सुना होगा। एक बेहद ही आकर्षक हिल स्टेशन। खूबसूरत वादियां, हरे-भरे मैदान, कल-कल करते झरने और बादलों को चूमतीं हुईं ऊंची-ऊंची पहाड़ियां। यह सबकुछ खंडाला को प्रकृति से तोहफे के रूप में मिला है। मुंबई की भीड़-भाड़ से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर बसा खंडाला सैलानियों के लिए एक फेवरेट वीकेंड डेस्टिनेशन है।

यहां बिखरी कुदरती सुंदरता सहज ही मन को मोह लेती है। खासकर मानसून के समय तो यहां नजारा देखते बनता है। ऐसे लगता है जैसे कुदरत अपने हाथों से यहां की खूबसूरती में चार चांद लगा रहीहो। यहां का कुने वाटर फॉल देखकर वापस भला कौन जाना चाहता है। करीब 200 फीट की ऊंचाई से गिरते झरनों की फुहारें मानोंसारी कायनात अपनी बाहों में समेट लेना चाहती हों।

खंडाला का मौसम पूरे साल बेहद खुशनुमा रहता है। यहां सालभर सैलानी घूमने के लिए आते रहते हैं।

खंडाला उन लोगों के लिए भी बेहद खास है, जिन्हें ट्रैकिंग और क्लाइम्बिंग का रोमांच पसंद हो। रेलमार्ग से आने वालों को करीब 20 से ज्यादा सुरंगों से गुजरना होना होता है। जो दिन के उजाले में भी रात के अंधेरे का अहसास कराता है।

खंडाला आएं तो इन जगहों पर जरूर जाएं

  • यहां के लायंस पॉइंट का दृश्य देखकर मन मंत्रमुग्ध हो जाता है। बारिश के मौसम में कई छोटे-छोटे झरने, हरी-भरी पहाड़ियांऔर झीलें जगह की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। यहां का बुशी डैम उन जगहों में से एक हैं, जहां मानसून के दौरान भारी संख्या में सैलानी आते हैं। यहां के चट्टानों पर गिरने वालेपानी की आवाज पर्यटकों के मन को सुकून देती है।
    लायंस पॉइंट यहां आने वाले सैलानियों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र होता है।
  • खंडाला से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं कार्ला और बेज गुफाएं। ये पहाड़ी चट्टानों और पत्थरों को काटकर बनाई गई हैं। इन पत्थरों पर बेहतरीन नक्काशी की गई है। यहां दूसरी सदी के बने आकर्षक मंदिर भी मौजूद हैं। यहां का बुद्ध का मंदिर सबसे अधिक प्रसिद्ध है।
  • एकवीरा देवी मंदिर, कार्ला गुफा के पास एक छोटी सी पहाड़ी के ऊपर स्थित है। देवी मांके दर्शन करने के लिए लगभग 200 सीढ़ियां चढ़कर जाना होता है। यहीं पर भैरवनाथ मंदिर भी है, जो अपनीवास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यहां महाशिवरात्रि का त्यौहार बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है।
  • यहां का तुंगा किला कामशेत में है, जो तीन ओर से पानी से घिरा हुआ है।1600 ईसवी में आदिल शाही वंश ने इसे बनाया था। इस किले तक पहुंचने के लिए 1200 फीट की चढाई चढ़नी होती है।
खंडाला का कुने वॉटर फॉल लोकप्रिय है। यहां करीब 200 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है।

खंडाला का मौसम

खंडाला का मौसम पूरे साल बेहद खुशनुमा रहता है। यहां सालों भर सैलानी घूमने के लिए आते रहते हैं। वैसे बारिश के मौसम में यहां आना सबसे मजेदार होता है। यहां मौजूद छोटे-छोटे टूरिस्ट प्वॉइंट्स जैसे लायंस प्वाइंट, नेकलेस प्वॉइंट्स, राजमाची प्वॉइंट्स, लोनावाला लेक सबका मन मोह लेते हैं।

कैसे जाएं
खंडाला जाने के लिए आप ट्रेन और फ्लाइट दोनों ही जरिया हैं।इसके लिए आपको पहले पुणे या मुंबई जाना होगा। ये दोनों शहर खंडाला से जुड़े हुए हैं। यहां से आप बस या टैक्सी के माध्यम से खंडाला जा सकते हैं।



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मुंबई की भीड़-भाड़ से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर बसा खंडाला सैलानियों के लिए एक फेवरेट वीकेंड डेस्टिनेशन है। - सभी फोटो: ताराचंद गवारिया


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