जब से कोरोना काल की शुरुआत हुई है तब से आज तक ऐसी कई खबरें सुनने को मिली है, जिसमें कोरोना की वजह से लोग बेघर हो गए, नौकरी छूट गई या काम नहीं मिल रहा है। आपको दुखी करने वाली इन खबरों के बीच एक सुखद खबर यह भी है कि 70 साल की महिला को जब अपनों ने घर से निकाला तो गैरों ने उन्हें अपना लिया।
70 साल की लीलावती केदारनाथ दूबे की कहानी वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने पिछले दिनों अपने यू ट्यूब वेंचर मोजो के जरिये दर्शकों तक पहुंचाई। लीलावती को उनके बेटे ने मारकर घर से निकाल दिया।उनके बच्चे उन्हें पागल कहते हैं। वे मुंबई के रेलवे स्टेशन पर दिल्ली जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहीं थीं।
दिल्ली में उनका दूसरा लड़का रहता है। हालांकि वे ये भी जानती थीं कि वो लड़का भी उन्हें अपने घर में जगह नहीं देगा।
अब मैं क्या करूं
लीलावती के पास पैसे भी नहीं थे। वह मन ही मन बात करते हुए यहीं कह रही थीं कि अब मैं क्या करूं? तभी दिल्ली के एक सोशल आंत्रप्रेन्योर किरण वर्मा ने उन्हें अपनाया। वे कहते हैं लीलावती के रूप में एक बार फिर मुझे अपनी दादी मिल गई हैं।
कोरोना टेस्ट भी करवाई है
किरण वर्मा कहते हैं अपने घर लाने के बाद मैंने लीलावती दादी की कोरोना टेस्ट भी करवाई है। फिलहाल वे इस जांच की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। किरण कहते हैं जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाती हम दादी को कुछ दिन अपने घर में सबसे अलग ही रखेंगे।
किरण को इस बात की खुशी है कि दादी उनके साथ रहते हुए लाइफ को एंजॉय कर रही हैं।
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