श्रीनगर की प्रसिद्ध डल झील प्रदूषण और अतिक्रमण की वजह से 22 स्क्वेयर किलोमीटर के मूल आकार से सिकुड़कर करीब 10 वर्ग किलोमीटर की रह गई है।इसके कारण झील की क्षमता भी कम होकर करीब 40 फीसदी बचीहै। पर्यटको द्वारा गंदगी फैलाने की वजह से इस झील केपानी की गुणवत्ता भी खराब हुई है।
श्रीनगर की प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगाने वाली इस झील की सफाई का जिम्मा पिछले दो साल से सात साल की एक नन्हीं बच्ची संभाल रही है।इस लड़की का नामजन्नत है। वह अपने शिकारे में बैठकरडल झील की सफाई करती देखी जा सकती है।
उनके इस प्रयास को हैदराबाद के स्कूल की किताब में जगह दी गई है। जन्नत कहती हैं झील को साफ करने की प्रेरणा मुझे मेरे पापा तारीक अहमद से मिली। वे कहती है -डल झील श्रीनगर के सबसे प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। इस झील के करीब ही बनी मस्जिद हजरत बल यहां की खूबसूरती को और बढ़ा देती है।
इस झील को कश्मीर के मुकुट में गहना माना जाता है जो यहां के लोगों के लिए आय का जरिया भी है। डल झील में फैले प्लास्टिक के कूड़े को साफ करने में जन्नत की मदद उनके पापा भी करते हैं। जन्नत अपने पिता के शिकारे में बैठकर झील के किसी भी हिस्से में यहां आने वाले पर्यटकों द्वारा फैलाए गए प्लास्टिक के कचरे को साफ करतेहुएदेखी जा सकती है।
जन्नत का इस झील से बचपन से ही नाता रहा है। वे अपने परिवार के साथ इस झील के एक हाउसबोट में रहती हैं। जन्नत के पापा कहते हैं - मेरी बेटीमहज तीन साल की उम्र में ही जब किसी को झील में कचरा फेंकते हुए देखती तो उसे समझाने में लग जाती थीं। एक बार तो एक पर्यटक को सड़क से वापस आकर झील से प्लास्टिक की बोतल निकालने पर मजबूर कर दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन्नत के काम की सराहना अपने मन की बात कार्यक्रम में कर चुके हैं। इसके बाद जन्नत के बारे में देश-दुनिया केलोगों को पता चला कि किस तरह एक छोटी बच्ची झील को प्रदूषण से बचाने का काम कर रही है। फिलहाल जन्नत दूसरी कक्षा की छात्रा हैं। वे बड़े होकर साइंटिस्ट बनना चाहती है।
वे चाहती हैं कि उनके प्रयासों से डल झील बिल्कुल साफ हो जाए और यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़े।जन्नत के पापा कई सालों से इस झील को साफ करने में व्यस्त हैं। उन्हें इस बात की खुशी है कि जन्नत के प्रयासों को सारी दुनिया मेंतारीफेंमिल रही है। तारीक कहते हैं ये तारीफेंजन्नत को आगे बढ़ने का हौसला देंगी। वह चाहते हैं कि उनकी उनकी बेटी भविष्य में पर्यावरणविद बन कर झील को साफ रखने काप्रयास बड़े पैमाने पर करे।
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