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Sunday, February 2, 2020

नमक-रेड मीट कम करें, धूम्रपान-शराब को ना कहें, समय पर जांच कराएं तो कैंसर से बच सकते हैं : कैंसर एक्सपर्ट्स

हेल्थ डेस्क. इंडियन कैंसर सोसाइटी के अनुसार भारत में अगले 10 सालों में करीब डेढ़ करोड़ लोगों को कैंसर हो सकता है। इनमें से 50 फीसदी में कैंसर लाइलाज होगा। यानी अगले दशक में कैंसर हमारे देश में बड़ी समस्या के रूप में सामने आ सकता है। लेकिन हम छोटे-छोटे कदम उठाकर कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। कैंसर गाइड में जानिए एक्सपर्ट से समझिएइससे कैसे बचें और शरीर में कौन सा बदलाव दिखने पर अलर्ट हो जाएं....

ये 8 छोटे कदम कैंसर के ख़तरे को कम करेंगे

  • नमक कम करें : कैंसर काउंसिल की रिसर्च और ऐसे ही कई अनुसंधानों में पाया गया है कि ज्यादा मात्रा में नमक के सेवन से अमाशय और आहार नली का कैंसर होने की आशंका 50 फीसदी तक बढ़ जाती है। प्रोसेस्ड फूड जैसे अचार, सॉस, नमकीन इत्यादि में नमक की मात्रा ज्यादा होती है। इन्हें अवॉइड करें। रोज की डाइट में नमक की मात्रा 5 ग्राम यानी एक टी स्पून से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • सुबह की धूप खाएं : इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च के शोध के अनुसार विटामिन डी शरीर में कैंसर से बचाव में मददगार होता है। इसके लिए सुबह आधे घंटे की धूप खाना बेहतर उपाय है। इससे ब्रेस्ट, प्रोस्टेट, कोलोन सहित कई तरह के कैंसर से बचाव होता है। हालांकि धूप के ज्यादा संपर्क से त्वचा कैंसर की आशंका हो सकती है। सुबह 11 से शाम 4 बजे के बीच ज्यादा धूप में न रहें।
  • प्लास्टिक में खाना न खाएं : प्लास्टिक का ज्यादा इस्तेमाल कैंसर का भी कारण बन सकता है, खासकर प्लास्टिक की पॉलिथीन में रखी गरम चीज खाने या पीने से कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। विभिन्न रिसर्च के अनुसार प्लास्टिक में बिस्फिनॉल ए (बीपीए) नामक केमिकल होता है जो कोशिकाओं की संरचना में बदलाव कर कैंसर की आशंका बढ़ा देता है।
  • रेड मीट का सेवन कम करें : रेड मीट जैसे मटन व बीफ और प्रोसेस्ड मीट के सेवन से बोवेल (कोलोन) कैंसर की आशंका बढ़ती है। कई रिसर्च में यह साबित हाे चुका है कि प्रोसेस्ड मीट के अत्यधिक सेवन से अमाशय के कैंसर की आशंका में भी बढ़ोतरी होती है। इसलिए प्रोसेस्ड मीट (जैसे बेकन और सॉसेज़) का सेवन करने से बचें या कम से कम करना चाहिए।
  • वजन को नियंत्रित रखें : बढ़ता वजन केवल डायबिटीज़ या दिल की बीमारियों के लिए ही जिम्मेदार नहीं है। इंडियन कैंसर सोसाइटी के अनुसार मोटापे से ब्रेस्ट, पेनक्रियाटिक, गाल ब्लैडर, आहार नली का कैंसर होने की आशंका अधिक होती है। इसलिए अपने रुटीन में रोजाना सुबह या शाम आधे घंटे की वॉक और हफ्ते में कम से कम पांच दिन 30 मिनट की कसरत शामिल करें।
  • धूम्रपान-शराब को ना कहें : धूम्रपान के कारण फेफड़ों, मुंह, ब्लैडर, किडनी, सर्विक्स, आहार नली और गले के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। यह आशंका केवल धूम्रपान करने वालों में ही नहीं, उनके परिवार के सदस्यों में भी होती है। अगर धूम्रपान के साथ शराब भी पीते हैं तो कैंसर की आशंका दोगुनी हो जाती है। इसलिए धूम्रपान, तंबाकू और शराब को आज से ही छोड़ना बेहतर है।
  • पर्याप्त नींद लें : नींद और कैंसर का सीधा संबंध है। दिनभर की थकान के बाद एक वयस्क व्यक्ति के लिए कम से कम सात घंटे (अधिकतम 8 घंटे) की नींद लेना जरूरी है। पर्याप्त नींद हमारे शरीर को न केवल अगले दिन के लिए तैयार करती है, बल्कि यह तरह-तरह के संक्रमणों और फ्री रेडिकल्स से भी लड़ने में मदद करती है जो कैंसर का एक प्रमुख कारक है।
  • कैंसर स्क्रीनिंग करवाएं : कैंसर के थोड़े से लक्षण नजर आने पर स्क्रीनिंग (जांच) करवाने में हिककिचाए नहीं। वक्त रहते कैंसर के पकड़ में आने पर इसका उपचार संभव है। आमतौर पर ब्रेस्ट, सर्वाइकल, प्रोस्टेट, मुंह और बड़ी आंत के कैंसर के मामले ज्यादा आते हैं। इनकी जांच की सुविधा छोटे शहरों में भी उपलब्ध है। ये जांचें न केवल आसान हैं, बल्कि बहुत महंगी भी नहीं होतीं।




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