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लाइफस्टाइल डेस्क. कोलेस्ट्रॉल एक केमिकल कंपाउंड होता है, जो शरीर में कोशिकाओं के निर्माण के लिए जरूरी है। लेकिन इसमें एक सीमा से ज्यादा बढ़ोतरी कई तरह से खतरनाक साबित हो सकती है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल दिल और मस्तिष्क के लिए तो घातक होता ही है, साथ ही यह किडनियों के लिए भी नुकसानदेह है। इसलिए समय-समय पर जांच करवाकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर के बारे में जानकारी लेते रहें, ताकि उसे कंट्रोल में रख सके। कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोतरी का संबंध हमारी खानपान की आदतों से भी है। यानी खानपान संबंधी आदतों में सुधार करके भी कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोलकिया जा सकता है। आज जानते हैं कि हम ऐसा क्या कर सकते हैं :
1. सुबह की शुरुआत लहसुन से
लहसुन में ऐसे एंजाइम्स पाए जाते हैं, जो एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार साबित होते हैं। एक रिसर्च के अनुसार लहसुन के नियमित सेवन से एलडीएल के स्तर में 9 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है। रोजाना सुबह के समय खाली पेट लहसुन की दो कलियों को चबा-चबाकर खाना फायदेमंद होगा।
2. चाय पीने से पहले बादाम खाएं
बादाम में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो बुरे कोलेस्ट्रॉल को घटाने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मददगार होते हैं। इन्हें एक रात पहले पानी में भिगोकर सुबह चाय से करीब 20 मिनट पहले खाना चाहिए। पानी में भिगोने से बादाम में फैटी तत्व कम हो जाता है। प्रतिदिन पांच से छह बादाम खाना भी पर्याप्त होगा। इसका एक माह का खर्च लगभग उतना ही होगा, जितना कोलेस्ट्रॉल होने पर उसे घटाने वाली दवाओं पर होता है। साथ ही अखरोट का सेवन भी करेंगे तो दोगुना फायदा होगा। काजू को अवॉइड करना चाहिए।
3. भोजन में अधिक से अधिक फाइबर हों
नाश्ते से लेकर डिनर तक, आप जब भी और जो भी खाएं, वह फाइबरयुक्त होना चाहिए। रोजाना अपने दोनों समय के भोजन में सलाद को जरूर शामिल करें। सलाद में शामिल तमाम तरह की चीजें जैसे प्याज, मूली, गाजर, चुकंदर आदि फाइबर्स से युक्त होती हैं। ओट्स, स्प्राउट्स और शकरकंद में भी काफी मात्रा में फाइबर्स होते हैं। इन्हें नाश्ते में लें। संतरे, नाशपाती, पपीते, चीकू जैसे फल भी फाइबर के अच्छे स्रोत होते हैं।
4. बाहर की तली हुई चीजों को ना कहें
ट्रांसफैट के लगातार सेवन से एलडीएल जैसा बुरा कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जबकि एचडीएल जैसे अच्छे कोलेस्ट्रॉल का लेवल 20 फीसदी तक घट जाता है। ट्रांसफैट मुख्य रूप से डीप फ्राइड, बैक्ड और क्रीम वाली चीजों में होता है। खासकर एक ही तेल को बार-बार गर्म करने से उसमें ट्रांसफैट की मात्रा बढ़ जाती है। बाहर के खाने में आमतौर पर इसी तरह के तेल का ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसलिए बाहर की डीप फ्राइड चीजें अवॉइड करनी चाहिए।
5. वानस्पतिक प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं
वानस्पतिक प्रोटीन से मतलब ऐसा प्रोटीन होता है जो वनस्पतियों यानी पेड़-पौधों से मिलता हो। यह प्रोटीन दालों, राजमा, चना, मूंगफली, सोयाबीन आदि के जरिए हासिल किया जा सकता है। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को काफी तेजी से घटाने में मदद मिलती है और गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है।
अंडा खाने से कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ेगा, पर एक ही खाएं : रिसर्च
अब तक ऐसी धारणा रही है कि अंडों का सेवन बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। यह धारणा इसलिए बनी क्योंकि अंडे में डायटरी कोलेस्ट्रॉल होता है। लेकिन अब पॉपुलेशन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीएचआरआई) तीन वैश्विक अध्ययनों के विश्लेषण के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि सीमित मात्रा में अंडे खाने से न तो कोलेस्ट्रॉल के स्तर में बढ़ोतरी होती है और न ही दिल के लिए खतरा पैदा होता है। रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार रोजाना एक अंडा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की चिंता से मुक्त होकर खाया जा सकता है।
पीएचआरआई ने जिन तीन अध्ययनों का विश्लेषण किया है, उनमें कुल मिलाकर 1 एक लाख 77 हजार लोग शामिल थे। ये लोग किसी एक देश में नहीं, बल्कि 55 देशों में फैले हुए थे। ये अध्ययन भी लंबी अवधि में किए गए। इसलिए इन अध्ययनों को पहले हुए अध्ययनों के मुकाबले कहीं अधिक विश्वसनीय माना जा रहा है।
लाइफस्टाइल डेस्क. महिलाओं केस्वास्थको ध्यान में रखते हुए स्कॉटलैंड की सरकार ने बीते दिन एक बड़ा कदम उठाया है। इस बिल के तहत स्कॉटलैंड की हर महिला नागरिक को जल्द ही मुफ्त टैंपोन और सैनेटरी उत्पाद मुहैया करवाया जाएगा। इस बिल को पास करने के लिए संसद में मौजूद 112 सदस्यों ने मंजूरी दी है। भारत की बात करें तो आज भी यहां गरीब महिलाओं के लिए की जा रही सभी कोशिशें नाकाम होती नज़र आ रही हैं।
22 करोड़ रुपए सालाना लागत में महिलाओं को मिलेगी सुविधा
सैनेटरी उत्पादबिल स्कॉटलैंड का प्रस्ताव मंत्रीमोनिका लेनन ने संसदमें रखा था। संसदमें मौजूद 112 लोगों ने पहले चरण में इसे मंजूरी दी है। अब इस बिल को आगे बढ़ाया जाएगा। इस कानून के बनने के बाद सामुदायिक भवन, यूथ क्लब और मेडिकल स्टोर समेत कई सार्वजनिक स्थानों में सैनेटरी नैपकिन मुफ्त मिलेंगे। इससे पहले भी साल 2018 में स्कॉटलैंड सरकारी स्कूलों में मुफ्त सैनेटरी उत्पाद देने वाला पहला देश बन चुका है। इस बिल में सालाना 22 करोड़ रुपए का खर्च आने वाला है।
भारत की अधिकतर सैनेटरी वैंडिग मशीनों की हालत खराब
साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सभी सरकारी में मुफ्त सैनेटरी नैपकिन देने की योजना बनाई जा चुकी है। सरकार द्वारा कई सरकारी स्कूलों में सैनेटरी नैपकिन वैंडिग मशीनें लगाई गई हैं। मगर कुछ ही समय में इन मशीनों की हालत खस्ता हो गई है। कुछ सरकारी स्कूल ऐसी भी हैं जहां इस मशीन के इस्तेमाल के लिए बच्चियों को पैसे देने पड़ रहे हैं।
सुविधा ब्रांड के सैनेटरी नैपकिन की कीमत घटाकर 1 रुपए की गई
भारत में सैनेटरी नैपकिन योजना की शुरुआत साल 2018 में की गई थी। इसके अंतर्गत देश के 5.500 जन औषधि केंद्रों में ढाई रुपए प्रति सैनेटरी नैपकिन बेचा गया था। करीब एक साल के अंदर ही 2.2 करोड़ सुविधा सैनेटरी नैपकिन की बिक्री की गई थी। साल 2019 में इनके दामों को घटाकर मात्र एक रुपए कर दिया गया है।
महिलाओं को भी करना होगा जागरुक
देश में आज भी कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां महिलाओं को सैनेटरी नैपकिन और पीरियड संबंधित जागरुकता नहीं है। असुरक्षित तरीकों के इस्तेमाल से कई महिलाएं संक्रमण का शिकार हो जाती हैं। शोध में पता चला है कि 40 प्रतिशत महिलाएं सावधानी ना रखने के कारण संक्रमित हो जाती हैं। बार-बार संक्रमित होने से महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा बना रहता है। देश में सालाना सर्वाइकल कैंसर के लगभग 1,32,000 केस सामने आते हैं, जिनमें से केवल आधी महिलाओं का ही उपचार हो पाता है। दुनियाभर के सर्वाइकल कैंसर के मामलों से मरने वालों में एक तिहाही भारत की महिलाएं हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क. इंडियन रेलवे ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल रेलवे स्टेशन पर देश का पहला रेल रेस्तरां शुरू किया है। इसका नाम रेस्टोरेंट ऑन व्हील्स रखा गया है। पूर्वी जोन के रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, दो पुराने मेमू कोच को मिलाकर रेस्तरां तैयार किया गया है। यह रेल यात्री और आम जनता दोनों के लिए खुला रहेगा। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बुधवार को इसका उद्घाटन किया। रेलवे ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी।
पहले कोच में चाय-स्नैक्स और दूसरे में लंच-डिनर
पूरा रेस्तरां एयरकंडिशन्ड है, इसके पहले कोच में चाय, स्नैक्स उपलब्ध कराया जाएगा। इसे चाय-चूं नाम दिया गया है। वहीं, दूसरे 42 सीटों वाले कोच में लोग नाश्ता, लंच और डिनर कर सकेंगे, जिसका नाम वॉव भोजन रखा गया है।रेलवे ने अगले पांच साल में इससे 50 लाख रुपए कमाने का लक्ष्य तय किया है।
इंटीरियर को बनाया खास
रेस्तरां लोगों को आकर्षित करे, इसके लिए इंटीरियर को काफी खूबसूरत बनाया गया है। कोच की दीवारों पर पेंटिंग के अलावा पुरानी चीजें जैसे टाइपराइटर भी इसकी खूबसूरती में इजाफा कर रहे हैं। हर टेबल पर लाइट के लिए केतली बल्ब लटकाए गए हैं जो इसे लग्जरी लुक दे रहा है।
रेलवे कर्मियों की मांग पर शुरू किया
हाल ही में कर्मचारियों से दानापुर कोचिंग डिपो में कैफेटेरिया न होने की शिकायत रेलवे से की थी। समाधान करते हुए रेलवे नए कैफेटेरिया की शुरुआत की है। इसमें दानापुर रेलवे स्टेशन की तस्वीर भी लगाई गई है।
25 साल पुरानी ट्रेन के कोच को रेस्तरां में बदला
रेस्तरां बनाने में 25 साल पुरानी आसनसोल-बरदवां मेमू के दो कोच का इस्तेमाल किया गया है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, इस ट्रेन की शुरुआत 11 जुलाई 1994 में हुई थी। जिसके कुछ कोच अनफिट पाए गए और पटरी पर चलने लायक नहीं थे। उसे डेकोरेट करके खूबसूरत रेस्तरां में बदला गया है।
लाइफस्टाइल डेस्क. हमारे जीवन में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनसे बातें करते वक़्त हमें किसी प्रकार के दिखावे की ज़रूरत नहीं होती। बस जो दिल में आता है वो कह देते हैं। ये लोग और कोई नहीं बल्कि हमारे दोस्त होते हैं। लेकिन कई बार हमारे द्वारा बनाए गए दोस्त हमें भी अपना दोस्त समझें, ऐसा नहीं होता है। हमारा असल दोस्त कौन है ये जानना कई बार मुश्किल होता है। लेकिन कुछ आदतों के ज़रिए पता लगाया जा सकता है कि आपका सच्चा मित्र कौन है।
मज़ाक उड़ाना
दोस्ती में मज़ाक-मस्ती होना आम बात है। लेकिन जब ये मज़ाक बाहरी लोगों के सामने होे तो बुरा लगना लाज़मी है। आपका सच्चा दोस्त आपका मज़ाक तो उड़ाएगा पर इस बात का ख़्याल भी रखेगा कि कोई बाहरी व्यक्ति तो साथ नहीं है। यदि भूलवश अनजान लोगों के सामने ऐसा कर बैठे तो वो इसके लिए क्षमा मांगने में ज़रा भी संकोच नहीं करेगा/करेगी।
कमी उजागर करना
दोस्त एक-दूसरे की कमिया भलीभांति जानते हैं। लेकिन उन्हें उजागर करने में दिलचस्पी लेने के बजाय वे उन्हें दूर करने में साथ देते हैं। जबकि नकली दोस्त या कहें कि नाम के लिए दोस्त बने लोग सामने वाले की कमियों को उजागर करने के साथ ही उन्हें शर्मिंदा भी करते हैं।
अपना राग अलापना
ऐेसे लोग सामने वाले की बात सुनने के बजाय अपनी कहना अधिक पसंद करते हैं। यदि कोई इन्हें दोस्त समझकर अपनी समस्या साझा कर रहा है तो ये उनकी बात में रुचि नहीं लेते, लेकिन अपनी बात कहने के लिए ये किसी की बात काटने से भी नहीं चूकते। लेकिन असल मित्र आपकी समस्या सुनने में पर पूरा ध्यान देते हैं। इस भेद को समझें।
विकास में रुकावट
इस तरह के लोग आपके आगे बढ़ने पर ख़ास ख़ुश नहीं होते। ये आपके द्वारा किए अच्छे कार्य में भी कोई न कोई कमी निकाल ही देते हैं। ये आपका आत्मविश्वास भी कम कर देते हैं, जबकि सच्चे साथी ऐसा बिल्कुल नहीं करते। वे आपकी छोटी-सी सफलता पर भी ख़ुश होते हैं।
असुरक्षित महसूस करना
आपकी ज़रूरत होने पर ये आपको फोन, मैसेज करेंगे पर आपके द्वारा तुरंत जवाब न मिलने पर ये खीझ जाते हैं। आपकी किसी अन्य दोस्त से बात होने पर ये असुरक्षित महसूस करते हैं। हां, आपके द्वारा फोन या मैसेज करने पर इनका तुरंत जवाब न देना जायज़ हो सकता है। इसके साथ ही मिस्ड कॉल देखकर दोबारा कॉल करना भी ज़रूरी नहीं समझते। वहीं सच्चे मित्रों को इन सब बातों से फर्क़ नहीं पड़ता। वे आपके नए दोस्तों के साथ भी आसानी से घुलमिल जाते हैं। इसके साथ ही ये आपका फोन न उठा पाने पर बाद में फोन करते हैं या मैसेज के ज़रिए व्यस्त होने की जानकारी देते हैं।
नियंत्रण चाहते हैं
इस तरह के दोस्त आपके निजी जीवन में ज़रूरत से ज़्यादा दखल रखते हैं। आप कहां, किसके साथ जा रहे हैं इन्हें हर बात की जानकारी चाहिए। ये आपके जीवन पर पूरी तरह नियंत्रण रखना चाहते हैं। वहीं आपके असल दोस्त आपके निजता का सम्मान करते हैं। आपके परिवारिक मसलों में भी दखल देने से बचते हैं। ये आप पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं चाहते।
लाइफस्टाइल डेस्क.होलीरंगों के साथ ही खानपान का भी त्योहार है।घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। गुझिया, मीठे और नमकीन पारे, बेसन की पापड़ी, तीखे सेव नाम लेते जाइए और पारम्परिक व्यंजनों की फ़ेहिरस्त बनती जाएगी। अब ज़माना पोषण पर ध्यान देने का है और नए को आज़माने का भी। होली में ग्यारह दिन बाक़ी हैं। आप पारम्परिक मीठे-नमकीन तो बनाएंगी ही, चलिए, हुरियारों के लिए तुरंत परोसे जा सकने वाले कुछ ख़ासऔर स्वादिष्ठ व्यंजनों की तरक़ीबें जान लेते हैं।
मक्का ढोकला
क्या चाहिए:मक्के का आटा- 250 ग्राम, लालमिर्च पाउडर- 1 छोटा चम्मच, नमक- स्वादानुसार, अजवाइन- 1 छोटा चम्मच, सौंफ- 1 छोटा चम्मच, नींबू का रस- 1 बड़ा चम्मच, हींग- 1/4 छोटा चम्मच, धनिया बीज- 2 बड़े चम्मच कुटे हुए, हरी मिर्च- 2 छोटे चम्मच बारीक कटी, लहसुन- 1 छोटा चम्मच कुटा हुआ, अदरक- 1 छोटा चम्मच कीसा हुआ, बेकिंग सोडा- छोटा चम्मच, तेल- 2 बड़े चम्मच, मूली के पत्ते- कप बारीक कटे (इच्छा अनुसार), पालक- कप बारीक कटी (इच्छा अनुसार), मूली- 2 बड़े चम्मच बारीक कटी (इच्छा अनुसार), दही- कप।
कैसे बनाएं:बोल में सारी सामग्री मिला लें और गुनगुने पानी से मुलायम गूंधेंं। इसको बराबर भागों में बांटकर लोइयां बना लें। लोइयों को दोनों हथेलियों से दबाकर चपटा कर लें और बीच में अंगूठा रखकर दबाएं। इडली पैन को पानी डालकर गर्म करें। इसमें तैयार लोइयों को रखें और 20-25 मिनट पकने दें।
मावा केक
क्या चाहिए:मैदा- 1 कप, आटा- 1 कप, मावा (खोया)- 1 कप, इलायची- 7-8 कुटी हुई, सफ़ेद मक्खन- कप, शक्कर- 1 कप, बेकिंग सोडा- छोटा चम्मच, बेकिंग पाउडर- 1 छोटा चम्मच, वनीला एसेंस- छोटा चम्मच, दूध- 1 कप, ताज़ी क्रीम- कप, काजू- 10-12।
कैसे बनाएं: बेकिंग ट्रे में पार्चमेंट पेपर बिछाएं अलग रख दें। ब्लेंडर में मक्खन, शक्कर डालकर ब्लेंड करें। अब मावा डालकर ब्लेंड करें। फिर आटा, मैदा, बेकिंग सोडा, बेकिंग पाउडर, कुटी इलायची, दूध और क्रीम डालकर चिकना पेस्ट बनने तक ब्लेंड करें। अवन को प्रीहीट कर लें और पेस्ट को बेकिंग ट्रे में डालें। ट्रे को पेस्ट से आधा भरें। ऊपर से काजू डालें। ट्रे को अवन में रखें और 180 डिग्री पर 40-45 मिनट तक बेक होने दें। केक को चैक करने के लिए टूथ पिक या चाकू को केक में डालकर देखें अगर चाकू साफ़ निकल रहा है तो केक तैयार है और पेस्ट चिपक रहा है तो 10-15 मिनट और बेक करें। बाहर निकालें और ठंडा करके सर्व करें।
ड्रायफ्रूट ठंडाई
क्या चाहिए:गर्म पानी- बादाम- 30 ग्राम, पिस्ता- 20 ग्राम, खसखस- 2 बड़े चम्मच, खरबूज/तरबूज़ के बीज- कप, गुलाबजल- 2 बड़े चम्मच या गुलकंद- 2 बड़े चम्मच, सौंफ- 1 बड़ा चम्मच, काली मिर्च- छोटा चम्मच, इलायची- 3-4 पिसी हुई, केसर- 1 चुटकी (इच्छानुसार), शक्कर- कप, ठंडा दूध- 1 गिलास, गुलाब की पत्तियां- सजाने के लिए।
कैसे बनाएं:बोल में 1 कप गर्म पानी डालें। इसमें बादाम, पिस्ता, खसखस, तरबूज़/खरबूज के बीज, सौंफ, काली मिर्च को क़रीब 2-3 घंटों के लिए भिगो दें। यदि गर्म पानी डालना नहीं चाहते तो सादे पानी में रातभर के लिए भिगो सकते हैं। 2-3 घंटे के बाद ग्राइंडर में पानी सहित पूरे मिश्रण को डालें व आधा कप शक्कर और पिसी इलायची और केसर डालकर ठंडाई पेस्ट बना लें। एक गिलास में 4 बड़े चम्मच ठंडाई पेस्ट और ठंडा दूध डालें। गुलाब की पत्तियों या बादाम, पिस्ता की कतरन डालकर सजाएं।
रागी मालपुआ
क्या चाहिए:रागी आटा- कप, गेहूं का आटा- कप, सौंफ- 1 छोटा चम्मच, इलायची पाउडर- 1 छोटा चम्मच, बेकिंग पाउडर- 1 छोटा चम्मच, मलाई/क्रीम- कप, नमक- छोटा चम्मच, घी- तलने के लिए।
चाशनी के लिए:शक्कर- 1 कप, पानी- कप, केसर(
कैसे बनाएं:बोल में रागी आटा, गेहूं का आटा, सौंफ, इलायची पाउडर, बेकिंग पाउडर, नमक, क्रीम/मलाई को मिक्स कर लें। अब घोल तैयार करने के लिए पानी या दूध का उपयोग करें। घोल को गाढ़ा रखें। चाशनी बनाने के लिए पैन में पानी, शक्कर और केसर को मध्यम आंच पर पकाएं। जब एक तार की चाशनी बन जाए तब गैस बंद करके, चाशनी उतार लें। पैन को मध्यम आंच पर गर्म करें। अब पैन पर घी लगाकर घोल को फैलाएं और आसपास घी डाल दें। जब मालपुआ किनारियां छोड़ दे तो दूसरी तरफ़ से सेकें। जब सारे मालपुए सिक जाएं तो उन्हें कुछ देर के लिए चाशनी में डुबोकर सर्व करें। मालपुए होली से एक रात पहले बना लें। सुबह मेहमानों को सर्व करें।
चॉकलेट गुझिया
क्या चाहिए:मैदा- कप, घी- 1 बड़ा चम्मच, पानी- ज़रूरत के अनुसार।
भरावन के लिए: घी- छोटा चम्मच, खोपरा- कप कीसा हुआ, काजू- 8-10 कतरे हुए, बादाम- 8-10 कतरे हुए, पिसी शक्कर- 1 बड़ा चम्मच, सेमी स्वीट चॉकलेट चिप्स- कप, घी- तलने के लिए।
कैसे बनाएं:बड़े बोल में मैदा और घी को मिला लें। अब पानी डालकर सख़्त गूंध लें और 10-15 मिनट के लिए ढककर रख दें।
भरावन के लिए पैन में घी गर्म करें और खोपरा डालकर 2 मिनट तक भूनें। अब काजू, बादाम और पिसी शक्कर डालकर भूनें। अब मिश्रण को निकालकर ठंडा कर लें। चॉकलेट चिप्स को पैन या माइक्रोवेव में पिघला लें। पिघली चॉकलेट को खोपरे के मिश्रण में डालकर भरावन तैयार कर लें। थोड़े से मैदे को पानी में घोल लें। आटे की छोटी-छोटी लोइयां बनाकर पूड़ी जैसी बेल लें। बीच में भरावन भरकर आसपास मैदे वाले पानी को लगा दें। अब आधा मोड़कर किनारियों को सील कर दें। गुझियां घी गर्म करके सुनहरी होने तक तलें। इन्हें होली के एक-दो दिन पहले बनाएं। ऊपर से खोपरा बुरककर चॉकलेट गुझिया सर्व करें।
कलरफुल मठरी
क्या चाहिए: मैदा- 1 कप, तेल- 60 मिली, नमक- 1 छोटा चम्मच, अजवाइन- छोटा चम्मच, बेकिंग सोडा- चुटकी-भर, पानी- ज़रूरत के अनुसार, चुकंदर की प्यूरी- ज़रूरत के अनुसार लालपन के लिए, पालक की प्यूरी- ज़रूरत के अनुसार हरेपन के लिए, तेल- तलने के लिए।
कैसे बनाएं: बोल में आटा, नमक, अजवाइन डालकर अच्छी तरह से मिला लें। अब मिश्रण में तेल डालकर हाथों से मसलकर मिलाएं। मिश्रण को 3 अलग-अलग भागों में बांट लें। एक भाग को गुनगुने पानी से सख़्त गूंधे, दूसरे भाग को चुकंदर की प्यूरी से व तीसरे भाग को पालक की प्यूरी से गूंधे। तीनों तरह के आटे गूंधकर 10-15 मिनट के लिए ढककर रख दें। 10 मिनट बाद तीनों तरह के आटे की लोइयां बनाकर बेल लें। अब इच्छानुसार अलग-अलग रंग की बेली हुई मठरियों को एक के ऊपर एक रख के रोल बना लें और पानी से किनारियों को सील कर दें। तैयार रोल की छोटी-छोटी लोइयां काटकर मठरियां बेल लें। पैन में तेल गर्म करके मठरियां सुनहरी होने तक तल लें। क्रिस्पी मठरियों को हुरियारे बहुत पसंद करेंगे।
पालक पत्ता चाट
पालक के पत्ते:8-10, बेसन- 1 कप, अजवाइन- 1 छोटा चम्मच, लाल मिर्च पाउडर- छोटा चम्मच, हल्दी- छोटा चम्मच, नमक- स्वादानुसार, चावल का आटा- 2 बड़े चम्मच, पानी- ज़रूरत अनुसार।
आलू के मिश्रण के लिए:उबला आलू- 1 बड़ा कटा हुआ, लालमिर्च पाउडर- छोटा चम्मच, चाट मसाला- छोटा चम्मच, नमक- स्वादानुसार, हरा धनिया- 1 बड़ा चम्मच, प्याज़- 1 छोटी बारीक कटी।
टॉपिंग्स के लिए:हरी चटनी- कप, इमली की चटनी- कप, मीठा दही- कप, चाट मसाला- चुटकीभर, लाल मिर्च पाउडर- चुटकीभर, सेव- कप, हरा धनिया- सजाने के लिए।
कैसे बनाएं:पालक के पत्तों को धोकर सुखा लें। बोल में बेसन, अजवाइन, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, नमक और चावल का आटा मिलाकर घोल बना लें। पैन में तेल गर्म करें। पालक के पत्तों को घोल में डुबोकर सुनहरा होने तक तल लें।
एक बोल में आलू, लालमिर्च पाउडर, चाट मसाला, नमक, हरा धनिया, प्याज़ को मिलाकर अलग रख लें। सर्विंग प्लेट में तले पालक के पत्ते अलग-अलग रखकर ऊपर से सब पर एक बड़ा चम्मच आलू का मिश्रण डालें। ऊपर से दही, हरी चटनी, इमली की चटनी, चाट मसाला, लालमिर्च पाउडर, सेव और हरे धनिए से सजाकर सर्व करें।
PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI), 1905 में अपनी स्थापना के बाद से, राष्ट्रीय एपेक्स चैंबर भारत के शासन के संघीय ढांचे को मजबूत करने के लिए राज्यों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए काम कर रहा है।
इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए, कोनराड-एडेनॉयर-स्टिफ्टंग (KAS) के साथ PHDCCI नई दिल्ली में 27 फरवरी 2020 सुबह 10:00 बजे से शाम 05: 00 बजे तक होटल ताजमहल, मानसिंह रोड पर "PHDCCI एजुकेशन समिट 2020" का आयोजन कर रहा है। पूरे दिन चलने वाले इस प्रतिष्ठित सम्मेलन में सरकार, उद्योग, शिक्षाविदों, बहुपक्षीय संस्थानों और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक राजनयिक बिरादरी के प्रमुख निर्णय निर्माताओं की मुख्य भागीदारी देखने को मिलेगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति हो सकती है लाभकारी-
PHDCCI को उम्मीद है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का मसौदा भारतीय शिक्षा प्रणाली के परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, विशेष रूप से भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश के लिए। सरकार-उद्योग-अकादमिया का एक इंटरफ़ेस बनाना और उसे बनाए रखना महत्वपूर्ण होगा। कंसोर्टियम में, घोषित महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक कौशल अपडेस्ट्स और सुचारु रोजगार सुनिश्चित किया जा सकता है।
जैसा कि इस पॉलिसी का उद्देश्य 2025 तक पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को सार्वभौमिक बनाना और 2025 तक सभी के लिए मूलभूत साक्षरता / संख्यात्मकता प्रदान करना है, यह सीखने के लिए अत्यधिक संभावनाएं प्रदान करता है और उच्च-स्तरीय सेवाओं और औद्योगिक गतिविधियों में अपनी हिस्सेदारी को बेहतर बनाने के लिए भारत निरंतर काम करता आ रहा है। फोकस्ड विचार-विमर्श के माध्यम से, शिखर सम्मेलन भारत में ज्ञान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार के प्रयासों का समर्थन करेगा और 2024 तक भारत को $ 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को साकार करने के लिए ज्ञान केंद्रित गतिविधियों के लिए इसे एक वैश्विक केंद्र बना देगा।
शिखर सम्मेलन 2014 के बाद से भारत सरकार द्वारा उठाए गए नीतिगत उपायों और राज्यों में उनके सफल कार्यान्वयन पर प्रकाश डालेगा, जो अब भारत में उद्योग की बदलती जरूरतों के साथ कार्य करने के कौशल-अंतर को पाटने में सक्षम हैं। शिखर सम्मेलन अनिवार्य रूप से स्कूल और उच्च शिक्षा से संबंधित मामलों को छूएगा - और एक सामान्य संवाद मंच पर लाएगा। प्रमुख नीति-निर्माता 'जो शिक्षा के क्षेत्र में निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को प्रमुख रूप से प्रभावित करते हैं, जो कि तारकीय परिणामों के लिए आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करते हैं। इसके साथ ही, संस्थागत सफलताओं ने भारत में ज्ञान पारिस्थितिकी तंत्र को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है और युगांतरकारी निर्माण के लिए भरपूर समर्थन पर चर्चा की जाएगी।
जानिए इस इवेंट का क्या है असली मकसद और इससे जुड़े फायदे भी-
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लाइफस्टाइल डेस्क, अमेरिका के राष्ट्रपति बीते दिन फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रम्प और बेटी इवांका के साथ भारत पहुंचे हैं। अहमदाबाद में उतरने के बाद आज सभी दिल्ली पहुंच चुके हैं। 36 घंटे के भारत दौरे में आज फर्स्ट लेडी मेलानिया दिल्ली के सरकारी स्कूल पहुंची हैं। इस दौरान वो बच्चों के साथ खास मुलाकात की है।
बच्चों ने तिलक लगाकर किया भव्य स्वागत
मेलानिया ट्रम्प 11 बजकर 55 मिनट पर दिल्ली के सर्वोदय को-एजुकेशन सीनियर सेकेंडरी स्कूल पहुंची थीं। स्कूल के बच्चों ने उनके लिए गेट पर बैग पाइप बजाकर स्वागत किया। बच्चों ने उनकी आरती उतारते हुए उनके माथे पर टीका भी लगाया है।
हैप्पीनेस क्लास में मेलानिया ने किए बच्चों से सवाल-जवाब
फूलों से स्वागत के बाद मेलानिया छोटे बच्चों की हैप्पीनेस क्लास में पहुंची। एक घंटे की इस क्लास में टीचर ने बच्चों को कहानियां सुनाई साथ ही उनसे कुछ सवाल जवाब भी किए। मेलानिया को क्लास में एक कुर्सी पर बैठाया गया था। क्लासरूम के ब्लैकबोर्ड में उनके लिए स्वागत नोट भी लिखा गया था। मेलानिया इस दौरान कुछ नन्हें बच्चों के साथ पज़ल गेम सुलझाते हुए भी दिखीं।
क्या है हैप्पीनेस क्लासरूम
साल 2018 में दिल्ली के हर सरकारी स्कूल में आम आदमी पार्टी द्वारा एक बड़ा बदलाव किया गया था जिसे हैप्पीनेस करीकुलमनाम दिया गया है। एक घंटें चलने वाली इस क्लास में बच्चों को किताबी ज्ञान के अलावा कई सारी अलग- अलग एक्टिविटीज़ सिखाई जाती हैं। छोटे बच्चों को यहां आर्ट और क्राफ्ट भी सिखाया जाता है। मेलानिया ट्रम्प ने भी साल 2018 में बी बेस्ट नाम के एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिसमें बच्चों के आत्मविश्ववास को बढ़ाने के लिए काम किया जाता है। यही कारण है कि मेलानिया हर विदेशी दौरे में स्कूलों में जाने को महत्व देती आई हैं।
बच्चों और मेलानिया के बीच टीचर बनीं बातचीत का माध्यम
मेलानिया लगातार बच्चों से बातचीत करने की कोशिश में लगी हुई थीं। फर्स्ट लेडी की भाषा को समझना इन प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए काफी मुश्किल है इसलिए स्कूल की टीचर ही यहां ट्रांसलेटर का काम कर रही हैं। उन्होंने कई बच्चों का परिचय देने के बाद सभी बच्चों को अंत में एक साथ संबोधित किया है। एक साथ बैठे बच्चे पूरे जोश के साथ भारत और अमेरिका का झंड़ा लहराते नज़र आ रहे हैं।
'नमस्ते'से हुई स्पीच की शुरुआत
मेलानिया ट्रम्प ने नमस्ते से अपनी स्पीच की शुरुआत की, जिसे सुनकर बच्चों ने भी उत्साह से जवाब दिया। उन्होंने पहली बार तिलक से स्वागत का अनुभव किया है जो उनके लिए खास एक्सपीरियंस रहा है। स्कूल में बुलाने के लिए धन्यवाद देते हुए उन्होंने स्कूल की शिक्षा प्रणाली की भी जमकर तारीफ की है।
ऐसा था मेलानिया का लुक
सरकारी स्कूल के दौरे में मेलानिया ने सफेद रंग की शर्ट पेटर्न ड्रेस पहनी हुई है। मल्टीकलर प्रिंट वाली केरोलीना हैरेरेा ड्रेस के साथ कमर में लाल रंग का बेल्ट लगाया है। सफेल सेंडल ड्रेस में पूरी तरह से मैच हो रही है। इस शर्ट ड्रेस की कीमत सवा लाख रुपये है।
लाइफस्टाइल डेस्क, अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपनी पत्नी मेलानिया ट्रम्प और बेटी इवांका के साथ आज भारत पहुंच चुके हैं। अपने भारत भ्रमण के दौरान ट्रम्प मेलानिया के साथ प्यार की निशानी ताजमहल भी जाने वाले हैं। दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारतों में से एक ताजमहल में जाने वाले इस कपल की भी लवस्टोरी बेहद खूबसूरत है। आइए जानते हैं कैसे हुई मेलानिया और डोनाल्ड की पहली मुलाकात…
1998: डोनाल्ड ट्रम्प को हुआ पहली नज़र में प्यार
मेलानिया ट्रम्प एक पॉपुलर फैशन मॉडल रह चुकी हैं। न्यू यॉर्कर की रिपोर्ट्स के अनुसार मेलानिया और डोनाल्ड की पहली मुलाकात साल 1998 में न्यूयॉर्क की एक फैशल वीक पार्टी में हुई थी। 52 साल के डोनाल्ड पहली नज़र में ही 28 साल की मेलानिया को पसंद कर चुके थे। इस पार्टी में सेलानिया मिडलफर्ट के साथ पहुंचने के बावजूद डोनाल्ड ने हिम्मत करके उनसे उनका फोन नंबर मांगा। मेलानिया ने उन्हें अपना नंबर देने से इनकार करते हुए खुद उनसे नंबर ले लिया।
2000:एक हफ्ते बाद मेलानिया ने की थी पहल
पार्टी में मिलने के एक हफ्ते बाद मेलानिया ने डोनाल्ड को खुद कॉल किया था, जिसके बाद दोनों की मुलाकातें शुरू हुईं। उस वक्त डोनाल्ड ट्रम्प का राजनीति से कोई वास्ता तक नहीं था। साल 2000 में डोनाल्ड को रिफॉर्म पार्टी की ओर से केंडिडेट चुना गया था। इसी बीच दोनों की बढ़ती नज़दीकियां भी काफी चर्चा में थी। साल 2001 में दोनों ने साथ रहने का फैसला किया जिसके बाद मेलानिया ग्रीन कार्ड लेकर अमेरिका में ट्रम्प टॉवर रहने पहुंच गई थीं।
2004: बेशकीमती अंगूठी से किया था शादी के लिए प्रपोज़
लगातार 5 सालों तक रिलेशनशिप में रहने के बाद साल 2004 में डोनाल्ड ट्रम्प ने मेलानिया को अंगूठी के साथ शादी के लिए प्रपोज़ किया था। इस बेशकीमती अंगूठी की कीमत 1.5 मिलियन डॉलर थी।
2005: पाम बीच में हुई थी रॉयल वेडिंग
साल 2005 में दोनों ने बिल गेट्स और हिलेरी क्लिंटन जैसी कई बड़ी हस्तियों की मौजूदगी में पाम बीच में शादी की। इस रॉयल वेडिंग में मेलानिया ने 1 लाख डॉलर की खूबसूरत ड्रेस पहनी थी।
लाइफस्टाइल डेस्क, दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पत्नी मेलानिया और बेटी इवांका के साथ भारत पहुंच चुके हैं। अहमदाबाद एयरपोर्ट से सामने आई तस्वीरों में मेलानिया और इवांका बेहद खूबसूरत ड्रेस में नजर आईं। चर्चा में रहा उनकी कपड़ों का भारत के साथ कनेक्शन। मेलानिया की ड्रेस में सबसे खास बात रही बनारसी बेल्ट। जिसे बनारसी धागों से बुना गया है। इवांका ने जो ड्रेस पहनी वह पहले भी साउथ अमेरिका टूर के दौरान पहन चुकी हैं।
मेलानिया ट्रम्प : सफेद सेमी फॉर्मल जंप सूट में बनारसी ब्रोकेड फेब्रिक बेल्ट
मेलानिया ट्रम्प हमेशा ही स्टाइल स्टेटमेंट को लेकर चर्चा में बनी रहती हैं। भारत दौरे के लिए भी तैयारी खास रही है। पहले दिन मेलानिया ने मेंडॉरियन कॉलर वाला व्हाइट जम्प सूट पहना।
ड्रेस की सबसे खास बात रही बेल्ट। मेलानिया में गहरे ग्रीन रंग की ब्रेल्ट पहनी। यह बनारसी ब्रॉकेड फैब्रिक की बनी है जिसमें बारीक एम्ब्रॉइडरी की गई है। व्हाइट ड्रेस पर ग्रीन बेल्ट चार चांद लगा रही थी। बेल्ट को ग्रीन सिल्क और गोल्ड मैटेलिक धागे से तैयार किया गया है।
इस ड्रेस अमेरिकन डिजाइनर हर्वे पियरे ने डिजाइन किया है। हर्वे कई सालों से मेलानिया ट्रम्प के लिए ड्रेस डिजाइन कर रहे हैं। इससे पहले हर्वे अमेरिका की फर्स्ट लेडी हिलेरी क्लिंटन और मिशेल ओबामा के लिए भी ड्रेस डिजाइन कर चुके हैं।
इवांका ट्रम्प : पहले भी पहन पहुंची हैं ये फ्लोरल प्रिंट ड्रेस
अहमदाबाद एयरपोर्ट पहुंचने के बाद इवांका की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें उन्होंने हल्के नीले रंग का शर्ट पेटर्न वन पीस पहना। लाल फ्लोरल प्रिंट वाली ड्रेस के साथ इयररिंग और खुले बालों में इवांका काफी सुंदर नज़र आईं।
इवांका साउथ अमेरिका टूर में भी यह ड्रेस पहन चुकी हैं। अमेरिकन वेबसाइट के मुताबिक, प्रोएंजा स्काउलर ब्रांड की इस ड्रेस की कीमत 1,21,450 रुपए है।
पफी स्लीव के साथ इवांका ने पर्ल और एमरॉल्ड रत्न वाली ईयरिंगस पहनी। लाइट आई मेकअप के साथ ब्राउन लिपस्टिक का इस्तेमाल किया जो उनके लुक को सूट कर रहा था।
लाइफस्टाइल डेस्क. मौसम में बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। मौसम बदलने से सर्दी-खांसी के अलावा सबसे ज्यादा दिक्कत पाचन तंत्र की होती है, जिससे पेट संबंधी कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। पाचन तंत्र में कई तरह के अच्छे बैक्टीरिया काम करते हैं, जो एक-दूसरे के साथ मिलकर संतुलन बनाए रखते हैं। जब तक यह संतुलन बना रहता है, तब तक पाचन तंत्र भी अच्छी तरह से काम करता है। लेकिन इसमें असंतुलन होते ही पेट खराब हो जाता है। मौसम में परिवर्तन होने पर इन बैक्टीरिया का भी संतुलन बिगड़ जाता है। मौसम के अलावा भी बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ने में कई कारक जिम्मेदार होते हैं। कुछ प्रमुख इस तरह हैं :
प्रसंस्करित खाद्य सामग्री
प्रसंस्करित खाद्य सामग्री यानी डिब्बाबंद भोजन को सुरक्षित रखने के लिए कई तरह के प्रीजर्वेटिव्स और एडिटिव्स इस्तेमाल किए जाते हैं जो पाचन तंत्र के बैक्टीरिया को विचलित कर देते हैं। इससे पेट खराब हो जाता है। इसलिए इस तरह के खाने को यथासंभव नजरअंदाज करें।
दूध का ज्यादा सेवन
इससे भी पेट में उपस्थित बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है। इसकी वजह यह है कि पेट में दूध अम्ल (एसिड) उत्पन्न करता है। इसलिए एक सीमा से ज्यादा दूध पीने पर पेट में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जो अपच के रूप में सामने आ सकती है।
एंटीबायोटिक का ओवरडोज
ज्यादा और डॉक्टर की सलाह के बगैर एंटीबायोटिक दवाएं खाने से ये पेट में मौजूद गुड बैक्टीरिया को भी नुकसान पहुंचाने लगती है। इससे पाचन तंत्र अस्त-व्यस्त हो जाता है। यह कई बार पेट दर्द और दस्त की समस्या के रूप में भी सामने आती है।
अपने रोजकी डाइट में शामिल करें ये चीजें
ये प्री-बायोटिक के अच्छे स्रोत होते हैं जो गुड बैक्टीरिया के पोषण में मदद करते हैं। इसके अलावा इनमें लैक्सेटिव (चिकनापन) का गुण भी होता है जो पेट में कब्जियत नहीं होने देता और पाचन दुरुस्त रखता है।
किचन के सबसे सामान्य मसालों में शामिल लहसुन भी प्री-बायोटिक का अच्छा स्रोत होता है। इसमें ऐसे फाइबर्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो गुड बैक्टीरिया के लिए पोषण का काम करते हैं और इस तरह हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखते हैं।
इसमें ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखने में मददगार होते हैं। यह शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को भी दूर करता है यानी डीटॉक्सीफिकेशन प्रोसेस में मदद करता है और इस तरह हमारी पाचन प्रणाली को हानिकारक बैक्टीरिया से मुक्त रखता है।
यह विटामिन ए, सी और विटामिन ई का अच्छा स्रोत होती है जो पाचन तंत्र में कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम की पर्याप्त आपूर्ति करने में मदद करती है। इससे यह गैस और पेट में मरोड़ जैसी पाचन तंत्र संबंधी समस्याओं को दूर करती है।
इनमें ऐसे कई तरह के अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो हमारी रोग-प्रतिरोधक प्रणाली को दुरुस्त रखते हैं। इनमें लैक्टिक एसिड भी होता है जो पोषक पदार्थों को अवशोषित करने और हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है।
इसमें ऐसे फाइबर्स होते हैं जो पेट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया के पोषण में मददगार होते हैं और इस तरह पाचन तंत्र को दुरस्त रखते हैं। केला पोटैशियम-मैग्नेशियम का अच्छा स्रोत होने की वजह से पेट फूलने की समस्या को भी दूर रखता है।
इसमें एक्टीनिडिन नामक एंजाइम होता है जो प्रोटीन के पाचन में काफी मददगार होता है। यह फाइबर्स का भी अच्छा स्रोत होता है। पपीते के अलावा किवी और पाइनेपल में भी एक्टीनिडिन एंजाइम भरपूर मात्रा में होते हैं।
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