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खान और कपूर फैमिली बॉलीवुड की सबसे पुरानी फैमिली है. मगर अब इन्हें कोई पीछे छोड़ चुका है. बी-टाउन में एक नया फाइनेंशियल पावरहाउस आया है और वे सभी सही तारों को छेड़ रहे हैं. जीक्यू इंडिया के अनुसार, जबकि बॉलीवुड के ग्लिट्ज़ी अक्सर सुर्खियों में रहते हैं, यह कुमार परिवार है, जो टी-सीरीज़ के पीछे के मास्टरमाइंड हैं, जो शांति से शानदार फिल्में बना रहे हैं और किस्मत भी इनका खूब साथ दे रही है. इनकी नेट वर्थ सुनकर आप जरुर चौंक जाएंगे.
ये है बॉलीवुड की सबसे अमीर फैमिली
जीक्यू इंडिया ने खुलासा किया है कि इस संगीत साम्राज्य की कमान भूषण कुमार के हाथ में है, जो टी-सीरीज़ के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, उनके चाचा कृष्ण कुमार के साथ. लेकिन उनकी पीछे की स्थिति आपको धोखा न दे, यह गतिशील जोड़ी एक सफलता की सिम्फनी का संचालन कर रही है जो किसी भी अकाउंटेंट के कानों में म्यूजिक है. टी-सीरीज़ की कहानी 1983 में दिवंगत गुलशन कुमार ने लिखी थी. जीक्यू इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जब तक 'कयामत से कयामत तक' और 'आशिकी' के साउंडट्रैक चार्ट में नहीं आए, तब तक टी-सीरीज़ को अपनी रिदम नहीं मिली थी. तबसे, वे एक भाग्य की रचना कर रहे हैं जो आप "चार्ट-टॉपर" कह सकते हैं.
इतनी है नेट वर्थ
जीक्यू इंडिया और हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, कुमार परिवार की टोटल नेटवर्थ 1.2 अरब डॉलर (लगभग ₹10,000 करोड़) है. यह इतना अधिक है कि बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों वाले परिवार भी इनके आगे कुछ नहीं हैं. भूषण कुमार लगातार फिल्मों में इनवेस्ट कर रहे हैं और उनकी सारी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर शानदार कमाई कर रही है. जिस तरह से कुमार फैमिली का बिजनेस चल रहा है उसे देखकर कहा जा सकता है कि उनकी किस्मत खूब चमक रही है. बॉलीवुड के सबसे अमीर परिवारों की लिस्ट में कुमार फैमिली के बाद चोपड़ा परिवार है जिनकी नेट वर्थ 8000 करोड़, बच्चन परिवार-4500 करोड़ है.
सुपरस्टार थलाइवा रजनीकांत आज यानी 12 दिसंबर को अपना 74वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं. उन्होंने अपने करियर में कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं. जबकि इंडस्ट्री पर थलाइवा के नाम से अपना राज किया कि आज तक उन्हें कोई टक्कर नहीं दे पाया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके लंबे करियर में कौनसी वह सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्म है, जो बॉक्स ऑफिस पर ऐसी फ्लॉप हुई कि डिस्ट्रिब्यूटर्स को दिवालिया कर गई. वहीं आखिर में सुपरस्टार को आगे आकर डिस्ट्रिब्यूटर्स की हेल्प करनी पड़ी और एक उदाहरण सेट किया. यह फिल्म 22 साल पहले आई थी, जिसका नाम बाबा था.
सुरेश कृष्ण की तमिल निर्देशित फिल्म बाबा 2002 में रिलीज हुई ती, जिसमें रजनीकांत ने एक लापरवाह युवा नास्तिक बाबा का किरदार निभाया, जो हिमालय के एक महान संत का पुनर्जन्म है. इस फिल्म में मनीषा कोइराला ने भी मुख्य भूमिका निभाई थी. हालांकि, जब फिल्म सिनेमाघरों में आई, तो इसे नेगेटिव रिव्यू मिले. वहीं इसके कारण बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर इफेक्ट हुआ.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सुपरनेचुरल एक्शन ड्रामा को 17 करोड़ में ड़िस्ट्रिब्यूटर्स को बेचा गया था. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट्स के अनुसार, फिल्म को केवल 3 करोड़ रुपए ही मिले थे. खबरों की मानें तो बाबा के बाद ड़िस्ट्रीब्यूटर्स दिवालिया हो गए. इसके चलते रजनीकांत ने आगे बढ़कर डिस्ट्रिब्यूटर्स के घाटे में मुआवजा दिया और 25 प्रतिशत का निवेश वापस किया.
इसके बाद सुपरस्टार ने कुछ समय के लिए एक्टिंग से ब्रेक लिया और तीन साल तक वह फिल्मों से गायब रहे. इसके बाजद वह हिट फिल्म चंद्रमुखी से 2005 में सिनेमा में वापसी की और अपना रुतबा वापस पाया. लेकिन सालों बाद बाबा क्लासिक फिल्म बन गई, जो दोबारा 2022 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई तो इसे अच्ठा रिस्पॉन्स मिला.
तेलुगू फिल्मों के सुपरस्टार और पुष्पा 2 फिल्म के हीरो अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) को हैदराबाद पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. एक्टर को हैदराबाद के संध्या थियेटर में फिल्म पुष्पा-2 (Pushpa-2) की स्क्रीनिंग के दौरान मचे भगदड़ केस में गिरफ्तार किया गया था. लोअर कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी दी थी. उन्होंने इस फैसले के खिलाफ तेलंगाना हाईकोर्ट में अपील की थी. हाईकोर्ट ने अल्लू अर्जुन को राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी. हाईकोर्ट ने अल्लू अर्जुन को गिरफ्तारी से 4 हफ्ते की छूट दी है. इस बीच भगदड़ में जान गंवाने वाली महिला के पति ने कहा कि वो एक्टर के खिलाफ केस वापस लेने को तैयार हैं. जमानत मिलने के बाद भी अल्लू अर्जुन को रात जेल में बितानी होगी, क्योंकि जमानत के पेपर जेल नहीं पहुंचे हैं. ऐसे में अब शनिवार को एक्टर घर जा सकेंगे.
दरअसल, 4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थियेटर में पुष्पा-2 की स्क्रीनिंग के दौरान लिमिट से ज्यादा लोग आ गए थे. थिएटर हाउस फुल था. इसी दौरान अल्लू अर्जुन वहां पहुंच गए. सुरक्षा के लिए पुलिस का इंतज़ाम नाकाफी था. अपने 'पुष्पा' यानी अल्लू अर्जुन की एक झलक पाने के लिए फैंस बेकाबू होने लगी थी. धक्का-मुक्की के साथ भगदड़ मच गई. इस दौरान एक महिला की मौत हो गई. इस महिला की मौत के मामले में ही अल्लू अर्जुन पर गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ. जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई. 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी दी गई और शाम होते-होते तेलंगाना हाईकोर्ट से जमानत भी मिल गई.
शुक्रवार को एक्टर के साथ क्या-क्या हुआ?
अल्लू अर्जुन के लिए आज का दिन भारी था. एक्टर को उनके घर से दोपहर 12 बजे गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 4 बजे उन्हें लोकल कोर्ट में पेश किया गया. लोअर कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया. एक्टर ने हाईकोर्ट में अपील की थी. 5 बजे उन्हें हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत भी मिल गई. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अल्लू अर्जुन की अरेस्टिंग वाकई जरूरी थी या ये किसी पब्लिसिटी स्टंट का हिस्सा था? क्या इससे पुष्पा-2 की कमाई पर असर पड़ेगा?
हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए क्या कहा?
अल्लू अर्जुन को बेल देते हुए कहा तेलंगाना हाईकोर्ट ने कहा पहली नजर में ऐसा नहीं लगता कि कथित अपराध में एक्टर शामिल हैं. एक्टर बताकर अल्लू अर्जुन को उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता. उन्हें भी इस देश के नागरिक के रूप में जीने और स्वतंत्रता का अधिकार है. हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं. लेकिन क्या आरोपी पर इस मामले का दोष लगाया जा सकता है? क्या इस तरह के हादसे की जिम्मेदारी अभिनेता के ऊपर डाली जा सकती है?
ज्यादातर फिल्में शुक्रवार को ही क्यों होती है रिलीज?
इसकी कई वजह बताई जाती हैं. शुक्रवार से वीकेंड शुरू होता है, लोग फुर्सत में होते हैं. भारत में कुछ प्रोड्यूसर मानते हैं कि शुक्रवार देवी लक्ष्मी का भी दिन है. गुज़रे दौर की हॉलीवुड की एक ऐतिहासिक फिल्म Gone With The Wind शुक्रवार को ही रिलीज़ हुई थी. ये भी कहा जाता है कि पहले लोगों को हफ़्ते की तनख़्वाह शुक्रवार को मिला करती थी, इसलिए फिल्में उस दिन रिलीज़ होती थीं.
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1100 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है पुष्पा-2
फिल्मों के कारोबार को मापने का पैमाना है दर्शकों की पसंद. दर्शकों की पसंद बॉक्स ऑफिस पर फिल्म के कलेक्शन से पता चलती है. अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा-2 ने शुक्रवार तक दुनियाभर में करीब 1100 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है. अगर इसी रफ़्तार से कमाई होती रही, तो लगता है इसी वीकेंड तक ये फिल्म एसएस राजामौली की ऑस्कर विजेता फिल्म RRR और KGF 2 को पीछे छोड़ देगी. इस फिल्म का निर्देशन सुकुमार ने किया है. पुष्पा-2 प्रभास और अमिताभ बच्च की Kalki 2898 AD, शाहरुख खान की 'जवान' फिल्म को पीछे छोड़ चुकी है.
550 करोड़ रुपये के बजट से बनी है फिल्म
अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना की ये फिल्म 550 करोड़ रुपये के बजट में बनी है. ये बजट से दोगुना कलेक्शन अब तक कर चुकी है. IMDB के मुताबिक 13 दिसंबर तक पुष्पा 2- द रूल 1062.1 करोड़ रुपये की कमाई कर चुकी है. 2024 की दूसरी सबसे ज़्यादा कमाई वाली फिल्म बनी थी Kalki 2898 AD.... अमिताभ बच्चन, कमल हासन, दीपिका पादुकोण जैसे सितारों से भरी फिल्म भी 550 करोड़ रुपये के बजट में बनी. इस फिल्म ने करीब 1052.5 करोड़ रुपये की कमाई की. इस साल तीसरे पायदान पर स्त्री-2 - सरकटे का आतंक रही. राजकुमार राव, श्रद्धा कपूर और पंकज त्रिपाठी जैसे ज़ोरदार कलाकारों से भरी ये फिल्म 100 करोड़ रुपये के बजट से बनी थी. इसने अपने बजट से 8 गुना ज्यादा कमाई की है.
क्या कहते हैं फिल्म क्रिटिक?
फिल्म क्रिटिक गिरीश वानखेड़े बताते हैं, "सोशल मीडिया के दौर में बॉक्स ऑफ़िस के आंकड़ों की चर्चा तेज़ी से फैलती है. लेकिन फिल्मों को देखने से पहले कई लोग अख़बारों या सोशल मीडिया पर भी उसकी समीक्षा जानना चाहते हैं. लोग उस आधार पर फ़ैसला लेते हैं. कई लोग बॉक्स ऑफ़िस कलेक्शन से भी प्रभावित होकर फिल्म देखने का फ़ैसला कर लेते हैं."
वानखेड़े बताते हैं, "फिल्में बनाने के लिए पैसा प्रोड्यूसर लगाते हैं. फिल्म बनाना बड़ा महंगा काम है. वो भी तब जब बड़े सेट हों या फिर आधुनिकतम थ्री डी एनिमेशन्स का इस्तेमाल होता हो. मार्केटिंग और डिस्ट्रिब्यूशन पर भी बड़ा पैसा लगता है. ऊपर से सितारे बड़े तो फीस भी बड़ी होती है."
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फिल्म प्रोड्यूसर को कहां-कहां से होती है कमाई?
फिल्म निर्माताओं के लिए फिल्मों की कीमत वसूलना भी बड़ा काम है. इसके लिए टिकटों की बिक्री के अलावा उसके डिजिटल, सैटलाइट, म्यूज़िक राइट्स अलग से बेचे जाते हैं. Worldwide Box Office भी होता है. फिल्म की रीमेक, प्रीक्वेल, सीक्वेल राइट्स और डबिंग राइट्स बेचकर भी कमाई की जाती है. ये कमाई करोड़ों में होती है. अगर फिल्म अच्छा करती है तो ये सभी अधिकार अच्छी कीमत पर बिकते हैं.
एक जमाने में फिल्में सिल्वर जुबली, गोल्डन जुबली, डायमंड जुबली और प्लैटिनम जुबली मनाती थीं. सिल्वर जुबली का मतलब 25 हफ़्ते. गोल्डन जुबली का मतलब 50 हफ़्ते होता था. डायमंड जुबली का मतलब 75 हफ़्ते और प्लैटिनम जुबली का मतलब फिल्म का 100 हफ़्ते चलना होता था. अब कुछ हफ़्तों में ही फिल्में देख ली जाती हैं. टैक्नॉलजी की वजह से ये संभव हो गया है. एक साथ हज़ारों थिएटरों में फिल्म रिलीज़ हो जाती है. फिर Over The Time यानी OTT या टीवी पर आ जाती हैं.
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लंबी चली थी ये फिल्में
अब थियेटर पर फिल्में आती हैं. हर प्लेटफॉर्म पर कमाती हैं और चली जाती हैं. लेकिन कुछ दशक पहले तक स्थिति कुछ और थी. कुछ फिल्मों का तो चलने के मामले में ज़ोरदार रिकॉर्ड रहा है:-
-1995 में रिलीज़ हुई शाहरुख़ ख़ान, काजोल की फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' मुंबई के मराठा मंदिर थियेटर में 22 साल से चल रही है.
-1975 में रिलीज़ हुई फिल्म 'शोले' 5 साल तक थियेटरों में चलती रही. ये वो फिल्म है, जिसने जय-वीरू की जोड़ी और गब्बर को अमर कर दिया.
-1960 में रिलीज़ हुई फिल्म 'मुग़ल-ए-आज़म' 3 साल तक थियेटरों में चलती रही. इस फिल्म के दीवाने आज भी करोड़ों हैं.
-1943 में रिलीज़ हुई फिल्म 'किस्मत' 3 साल तक थियेटरों में चलती रही. एक्टर अशोक कुमार की ये फिल्म उस दौर की ब्लॉक बस्टर फिल्म थी.
-1949 में रिलीज़ हुई राजकपूर की फिल्म 'बरसात' भी अपने दौर की शानदार फिल्मों में रही, जो 2 साल तक थियेटर में चलती रही.
1 रुपये थी मुग़ले आज़म फिल्म की टिकट
उस दौर में एक टिकट की क़ीमत एक रुपये से कम होती थी. एक रुपया भी तब बड़ी बात थी. कहते हैं उस दौर में मुग़ले आज़म की दीवानगी इतनी थी कि मुंबई के मशहूर मराठा मंदिर थिएटर में उसका एक रुपए का टिकट ब्लैक में क़रीब 100 रुपए तक बिका जो आज के हिसाब से 9000 रुपए का होता. आज के हिसाब से महंगाई दर को एडजस्ट करते हुए देखें, तो मुग़ले आज़म की कमाई 4000 करोड़ रुपये हो जाएगी.
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महंगाई दर के हिसाब से टॉप टेन फिल्मों में बाहुबली- The Conclusion, मदर इंडिया, हम आपके हैं कौन, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे और आवारा आएंगी. ये सभी 2000 करोड़ के पार जाएंगी. इसके बाद दो और फिल्में डिस्को डांसर और बॉबी आएंगी. ये दोनों फिल्म तत्कालीन सोवियत संघ में बहुत प्रसिद्ध हुई थीं.
ऐश्वर्या राय (Aishwarya Rai Bachchan) एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की सबसे पसंदीदा और खूबसूरत महिलाओं में से एक हैं. इंडस्ट्री में इतने सालों तक काम करने के बाद भी वह आज भी उनका ग्रेस वैसा ही है. पिछले कुछ सालों में हमने ऐश्वर्या राय जैसी दिखने वाली कई महिलाओं को देखा है. स्नेहा उलाल से लेकर इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर आशिता सिंह तक कई ऐसी महिलाएं हैं जो पूर्व मिस वर्ल्ड जैसी ही दिखती हैं. लेकिन अब हमें ऐश्वर्या की एक और हमशक्ल मिली है और वह सीमा पार रहती है.
मिलिए कंवल चीमा से, ऐश्वर्या जैसा है इनका चेहरा
पाकिस्तानी बिजनेस वुमेन कंवल चीमा माई इम्पैक्ट मीटर की फाउंडर और सीईओ हैं. सोशल मीडिया और इंटरनेट पर ऐसे लोगों की भरमार है जो कंवल का कम्पैरिजन इंडियन एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय से करते हैं. ना केवल उनकी शक्ल बल्कि उनकी आवाज और उनके खुद को पेश करने का तरीका भी ऐश्वर्या से मिलता-जुलता है. ध्यान देने वाली एक और दिलचस्प बात यह है कि कंवल अपना मेकअप बिल्कुल ऐश्वर्या की तरह करती हैं. बीच वाली मांग से बालों को डिवाइड करने से लेकर विंग्ड आईलाइनर और बोल्ड लिपस्टिक सब कुछ ऐश्वर्या से मिलता-जुलता है.
बता दें कि कंवल चीमा पाकिस्तान के इस्लामाबाद की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी जिंदगी के शुरुआती साल इस्लामाबाद में बिताए. बाद में वह अपने माता-पिता के साथ सऊदी अरब के रियाद चली गईं. सऊदी अरब में स्कूल जाने से पहले कंवल ने पाकिस्तान में पढ़ाई की. कुछ सालों बाद परिवार पाकिस्तान लौट आया.
जब कंवल चीमा ने 'पाकिस्तानी ऐश्वर्या राय' कहे जाने पर जवाब दिया
एक बार एक पाकिस्तानी (Pakistani) इंटरव्यूअर ने कंवल चीमा से बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय के साथ उनकी सिमिलैरिटी के बारे में सीधे सवाल किया. उसने यहां तक कहा कि उसकी आवाज और शक्ल-सूरत बिल्कुल ऐश्वर्या जैसी है. हालांकि कंवल ने बातचीत से बचने का फैसला किया और कमेंट करने से इनकार कर दिया.
कंवल ने साफ कहा कि वह उस सवाल का जवाब नहीं देना चाहतीं. हालांकि जब रिपोर्टर ने उनसे रिक्वेस्ट की तो कंवल ने कहा, "अगर आपने वाकई मेरा भाषण सुना है तो मेरे रूप-रंग के बजाय उस पर चर्चा क्यों नहीं करते?"
बॉलीवुड का सुनहरा दौर अपने आप में कई रूमानी कहानियां छिपाए हुए है. यहां कई ऐसे हरफनमौला हुए हैं जो एक्टिंग के साथ साथ सिंगिंग का भी जादू चलाते थे. ऐसी ही एक्ट्रेस कम सिंगर थीं जिन्होंने बचपन में ही गाना शुरु कर दिया था और आगे जाकर उनकी एक्टिंग के भी लोग दीवाने हो गए. इस एक्ट्रेस को अपने दौर के सबसे रोमांटिक हीरो से प्यार हुआ लेकिन ये प्यार शादी में तब्दील नहीं हो पाया और इसी गम में एक्ट्रेस ताउम्र अविवाहित ही रहीं.
पहली नजर में ही देव साहब की दीवानी हो गई थी सुरैया
जी हां बात हो रही है अपने दौर की मशहूर एक्ट्रेस सुरैया की. सुरैया की आवाज जितनी सुरीली थी, वो उतनी ही खूबसूरत भी थीं. महज 12 साल की उम्र में सुरैया ने सिंगिंग शुरु कर दी थी. वो कम ही उम्र में अच्छी खासी मशहूर हो गई थीं. इसके बाद उन्होंने फिल्मों में कदम रखा और वहां भी अपनी एक्टिंग के दम पर वो स्क्रीन पर छा गईं. सुरैया ने यूं तो अपने जमाने के सभी बड़े स्टार्स के साथ काम किया लेकिन उनकी जोड़ी देव आनंद साहब के साथ खूब जमी.
1948 में इन दोनों की पहली मुलाकात फिल्म विद्या के सेट पर हुई थी. धीर धीरे सुरैया और देव आनंद को एक दूसरे से प्यार हो गया. देव आनन्द और सुरैया एक दूसरे से गहरी मोहब्बत करने लगे लेकिन धर्म की दीवार इनकी शादी के बीच में आ गई. देव साहब तो सब कुछ अलग रखकर सुरैया से शादी करना चाहते थे लेकिन सुरैया की नानी नहीं चाहती थीं कि सुरैया दूसरे धर्म में शादी करें. इस तरह दोनों की मोहब्बत अधूरी रह गई.
नानी की वजह से नहीं हो पाई सुरैया और देव साहब की शादी
कुछ सालों बाद देवानंद ने कल्पना कार्तिक से शादी कर ली लेकिन सुरैया ने देव साहब की याद में ताउम्र शादी नहीं की. सुरैया और देव आनन्द ने एक साथ सात फिल्मों में काम किया. कहते हैं कि दोनों एक दूसरे के प्यार में इतने पागल थे कि फिल्म के सेट पर ही शादी करने का प्लान बन गया था. लेकिन किसी ने सुरैया की नानी तक खबर कर दी और नानी सुरैया को घसीटते हुए घर ले गई. इसके बाद सुरैया के देव साहब से मिलने पर पाबंदी लग गई. हालांकि देव साहब ने हीरे की अंगूठी देकर सुरैया को प्रपोज किया था और ये अंगूठी सुरैया की नानी ने समुद्र में फिकवा दी थी. सुरैया ने जब आखिरी बार देव साहब से मुलाकात की तो बताया कि वो नहीं चाहतीं कि उनकी वजह से देव साहब मर जाएं. इसके बाद देव साहब और सुरैया कभी नहीं मिले और इस प्रेम कहानी का दुख भरा अंत हो गया.
बॉक्स ऑफिस पर राजेश खन्ना और दिलीप कुमार का एक समय था, जब उन्होंने लगातार हिट फिल्में देकर अपना स्टारडम हासिल किया. फिर समय आया अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, फिरोज खान और धर्मेंद्र जैसे सुपरस्टार्स का वक्त, जब उन्होंने बॉक्स ऑफिस पर राज किया और कई हफ्तों तक फिल्मों को सिनेमाघरों से उतरने नहीं दिया. लेकिन एक इस दशक में दो ऐसे सुपरस्टार्स थे, जो आज भी फैंस के दिलों पर राज करते हैं और वह हैं बिग बी और हीमैन. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सुपरस्टार धर्मेंद्र का एक गोल्डन पीरियड था जब उन्होंने 12 फिल्में एक साल में दीं, जिनमें से लगातार 7 फिल्में हिट साबित हुईं और उनका करियर ऊंचाइयों पर पहुंच गया.
यह साल था 1987. जब इंसानियत के दुश्मन, लोहा, हुकूमत, आग ही आग, मेरा करम मेरा धरम, वतन के रखवाले, मर्द की जबां, इंसाफ की पुकार, दादागिरी, जान हथेली पे, मिट जाएंगे मिटाने वाले और सुपरमैन रिलीज हुई. इस साल में धर्मेंद्र ने 12 फिल्मों में काम किया, जिसमें से 7 लगातार हिट दीं.
इसमें इंसानियत के दुश्मन, लोहा, हुकूमत, आग ही आग, वतन के रखवाले, मर्द की जबां, जान हथेली पे और दादागिरी बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई. वहीं इसमें से एक्शन पैक ड्रामा हुकूमत, जिसे डायरेक्टर अनिल शर्मा ने डायरेक्ट किया था. उसने ज्यादा लाइमलाइट हासिल की. वहीं फिल्म में धर्मेंद्र और रति अग्निहोत्री की जोड़ी को काफी पसंद किया गया. जबकि तमिल में इस फिल्म का रिमेक भी बना, जिसका नाम पुथिया वानम था.
बता दें, सुपरस्टार धर्मेंद्र 89 साल के हो गए हैं. वहीं एक्टिंग की दुनिया में अभी भी काम कर रहे हैं. उनकी रॉकी और रानी की प्रेम कहानी भी काफी हिट हुई है. वहीं कुछ अन्य फिल्मों की शूटिंग भी करते हुए नजर आ रहे हैं. जबकि अब तक उनके करियर की 300 से ज्यादा फिल्में हो चुकी हैं और वह इंडस्ट्री में कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों के कारण फैंस के दिलों की जान हैं.
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